यूनियन की गुहार, HRTC चालक इतने पैसों में कैसे पालें परिवार

Tuesday, Jun 27, 2017 - 03:58 PM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल पथ परिवहन निगम ड्राइवर्ज यूनियन के राज्य मुख्य सलाहकार राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि एच.आर.टी.सी. में नए भर्ती किए गए चालकों को मात्र 7200 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है जोकि इस महंगाई के जमाने में बेहद कम है। ऐसे में ये चालक अपने परिवार का भरण-पोषण सही तरीके से नहीं कर पा रहे। उन्होंने बताया कि दिन-रात मेहनत करने वाले एच.आर.टी.सी. के इन चालकों को रात्रि ठहराव के मात्र 130 रुपए मिलते हैं। यह भत्ता भी चालकों-परिचालकों को समय पर नहीं दिया जा रहा है। वर्तमान में वर्ष 2014 का 5 महीने का रात का भत्ता व ओवर टाइम अभी तक नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि एच.आर.टी.सी. में नई आधुनिक तकनीक वाली बसें तो खरीद ली गईं लेकिन इनको चलाने के लिए किसी भी चालक को प्रशिक्षित नहीं किया गया और न ही एच.आर.टी.सी. मैकेनिकों को इन बसों की तकनीकी खराबी के बारे में कोई प्रशिक्षण दिया गया। 


3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वालों को नहीं किया नियमित 
राजकुमार गुप्ता ने कहा कि इन कर्मचारियों में इस बात का भी रोष है, मुख्यमंत्री ने अनुबंध पर 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों को नियमित नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इनको नियमित करने के आदेश तो कर दिए लेकिन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।


ये हैं यूनियन की मांगें 
राजेंद्र कुमार और राजकुमार गुप्ता ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मांग की कि अनुबंध चालकों-परिचालकों का मासिक वेतन बढ़ाया जाए, रात के ठहराव भत्ते में भी वृद्धि की जाए। इतना ही नहीं साप्ताहिक अवकाश नियमित रूप से चालक-परिचालकों को देने की व्यवस्था की जाए।  


नहीं मिलता साप्ताहिक अवकाश 
एच.आर.टी.सी. ड्राइवर्ज यूनियन के प्रधान ने कहा कि सरकार ने एक ओर जहां आदेश पारित कर चालकों व परिचालकों के साप्ताहिक अवकाश समाप्त कर दिए, वहीं दूसरी ओर इनको आगे मिल रहे साप्ताहिक अवकाश कटवाने की भी कोई व्यवस्था नहीं की है जिस कारण वह सही तरीके से अपना अवकाश भी नहीं ले पा रहे। उन्होंने कहा कि यदि वह कभी छुट्टी भी मांगते हैं तो प्रबंधन वर्ग स्टाफ कम होने की बात कह कर उन्हें छुट्टी देने से भी गुरेज करता है।