ऑन ड्यूटी अधिकारियों की वर्दी फाड़ना पड़ा महंगा, अब भुगतनी होगी ये सजा

Tuesday, Jan 09, 2018 - 06:03 PM (IST)

इंदौरा (अजीज खादिम): न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी इंदौरा निरंजन सिंह की अदालत द्वारा वन अधिकारी की वर्दी फाडऩे व अवैध रूप से लकड़ी ले जाने के आरोप में दोष सिद्ध होने पर 3 अभियुक्तों को कैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई है। मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला न्यायवादी संजीव कुमार लाखा ने बताया कि इंदौरा में तैनात वन खंड अधिकारी सतपाल सिंह ने 22 मई, 2010 को दर्ज करवाई प्राथमिकी में बताया कि उन्होंने व वन रक्षक पंकज ने इंदपुर में नाका लगाया हुआ था।

नाके के दौरान फाड़ी थी वन कर्मियों की वर्दी
इस दौरान रात को जयपाल पुत्र कर्म चंद, रोहित कटोच पुत्र करतार सिंह व दीपू पुत्र काकू राम तीनों निवासी इंदपुर तहसील इंदौरा, जिला कांगड़ा अवैध रूप से काटी गई लकड़ी से भरा हुआ एक ट्रैक्टर लेकर आए। जब उन्होंने उन्हें रोका और लकड़ी बारे पूछताछ की तो वे कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। जैसे ही उन्हें कहा गया कि सूर्यास्त के बाद वे लकड़ी को नहीं ले जा सकते तो उन्होंने ऑन ड्यूटी उक्त वन खंड अधिकारी व वन रक्षक से हाथापाई की व उनकी वर्दी फाड़ कर भाग गए। 

12 गवाहों के आधार पर दोषियों को सुनाई सजा
इसके बाद मामला 13 अगस्त, 2010 को न्यायालय में सुनवाई हेतु पेश किया गया। 6 साल 4 माह से अधिक चले इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 12 गवाह अदालत में पेश किए गए तथा मंगलवार को अदालत ने पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को भारतीय दंड संहिता 353 के अंतर्गत 1-1 वर्ष का साधारण कारावास व 500-500 रुपए जुर्माना तथा भारतीय वन अधिनियम की धारा 42 के तहत 3-3 माह कैद व 500-500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।