भीख मांग कर लाती है दुधमुंही बच्ची के लिए दूध और दृष्टिहीन पति के लिए खाना

Monday, Feb 24, 2020 - 09:11 PM (IST)

ऊना (विशाल): एक महिला अपने दृष्टिहीन पति और एक वर्षीय बच्ची को पालने के लिए भीख मांगने को मजबूर है। कुदरत की इंतहा तो देखिए, जिस महिला पर यह परिवार टिका है वह खुद चल-फिर पाने में असमर्थ है। जैसे-तैसे हाथों के सहारे घिसटते हुए यह महिला सड़क की ओर पहुंचती है। यहां से बस में कैसे करके चढ़कर 18 किलोमीटर सफर तय करके जिला मुख्यालय पहुंचकर दुकानों के आगे घिसटते हुए चंद सिक्के इकट्ठे करती है ताकि अपनी बच्ची के लिए दूध-दवाई ले सके और परिवार के लिए राशन। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है बल्कि यहां असलियत बयां की जा रही है बड़ूही में रहने वाली आशा देवी की। आशा देवी अपने पैरों पर चल-फिर पाने में असमर्थ है। उसका पति नेकी राम दृष्टिबाधित है। नेकी राम को दिन के समय कुछ दिखाई नहीं देता जबकि रात के समय थोड़ा बहुत दिखाई देता है। गरीबी के चलते वह इलाज नहीं करवा पाया है। नेकी राम अपनी कोठरी में बैठकर दिन काटता है और जीवन यापन करने के लिए कुछ कर पाने में पूरी तरह से असमर्थ है। ऐसे में परिवार को चलाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से आशा देवी पर आ गई है।

इस कोठरी का किराया भी नेकी राम के भाई-भाभी देते हैं

यूं तो आशा और नेकी राम मूलत: राजस्थान के रहने वाले हैं और पिछले करीब 40 वर्षों से यहां रह रहे हैं। बड़ूही में यह दंपति पिछले लगभग 12 साल से रह रहा है जबकि अम्ब में भी कई साल इन्होंने काटे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना तो दूर इनका राशन कार्ड तक नहीं बन पाया है। जैसे-तैसे करके इन्होंने आधार कार्ड यहां बनवाया है। राजस्थान में रहने वाले आशा देवी के ससुरालियों का राशन कार्ड है लेकिन इस राशन कार्ड में इस दंपति का नाम दर्ज नहीं करवाया गया। हालत यह है कि आशा देवी बड़ूही में एक किराए की कच्ची कोठरी में रहती है। इस कोठरी का किराया भी नेकी राम के भाई-भाभी देते हैं। खुद दिहाड़ी लगाकर गुजारा करने वाला भाई-भाभी का परिवार नेकी राम के परिवार को सहारा दिए हुए है। कभी-कभी कुछ रुपए और राशन देकर भी वे इस परिवार की मदद करते हैं। अपनी अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए आशा देवी को भीख मांगने को मजबूर होना पड़ रहा है।

सरकारों को भी ऐसे जरूरतमंद परिवारों के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए

इस परिवार की दर्द भरी कहानी तब सामने आई जब भीख मांगते-मांगते आशा देवी नंगल रोड पर स्थित एक दुकान पर पहुंची, जहां इंडियन हल्ंिपग हैंड्स टीम के सदस्यों हरीश कुमार और राजा के पास पहुंची। दोनों ने आशा से भीख मांगने का कारण पूछा तो आशा ने अपना दर्द बयां किया। टीम ने इस बात का जिक्र अन्य सदस्यों के साथ किया जिसके बाद संस्था के चेयरमैन प्रिंस ठाकुर अपनी टीम सहित आशा देवी के घर पहुंचे। यहां उसके बदतर हालात को देखते हुए संस्था ने आशा देवी को परिवार के पालन-पोषण के लिए हर माह 1,500 रुपए व कुछ राशन देने का आश्वासन दिया। संस्था के चेयरमैन प्रिंस ठाकुर ने बताया कि आशा देवी के परिवार के हालात खराब हैं। संस्था अपनी ओर से इस परिवार की मदद करने वाली है। सरकारों को भी ऐसे जरूरतमंद परिवारों के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी बदतर जिंदगी जीने के लिए कोई मजबूर न हो।

 

Kuldeep