निजी स्कूलों को टक्कर देंगे ऊना के 199 सरकारी प्राइमरी स्कूल

Sunday, Feb 02, 2020 - 12:39 PM (IST)

 

ऊना(अमित): निजी स्कूलों को टक्कर देने के लिए अब शिक्षा विभाग भी बच्चों को आकर्षित करने के लिए नई सोच से कार्य करने में जुट गया है। शिक्षा विभाग जिला ऊना में 199 सरकारी प्री प्राइमरी स्कूल का कायाकल्प करने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को 60-60 हजार रुपये के बजट जारी कर दिया गया है। जिससे बच्चों के लिए न केवल कक्षा रूम को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि बच्चों के लिए उपयोगी व उनके मनोरंजन से जुड़े खिलौनों को उपलब्ध करवाया जाएगा। ताकि बच्चों का स्कूल में मन लगा रहे। यह आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अच्छा प्रयास है। इससे आम लोगों में सरकारी स्कूलों के प्रति रूझान बढ़ेगा। शिक्षा विभाग द्वारा जिला ऊना के 499 प्राइमरी स्कूलों में से 199 स्कूलों में प्री प्राइमरी की कक्षाएं शुरू की गई है।

इन्ही 199 स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए रंगीन दीवारें की जाएगी। दीवारों पर हिंदी व अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर, कार्टून कैरेक्टर, पक्षी, फल-फूल, सब्जी, जानवरों के नाम सहित चित्र होंगे। वहीं, प्री.प्राइमरी कक्षाओं में बच्चों के लिए अनेकों खिलौनों की व्यवस्था होगी। जहां बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर सकें। 199 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षा रूम को बेहतर व आकर्षक बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रति स्कूल 60-60 हजार रुपए की राशि मुहैया करवाई जा रही है। इस राशि से स्कूल प्रबंधन कक्षाओं को बच्चों की रुचि अनुसार सजाएंगे और बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खिलौनों का भी इंतजाम किया जाएगा, ताकि बच्चों में खेल-खेल के जरिए शिक्षा के प्रति रुचि पैदा की जा सके।

प्रांरभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप गुप्ता ने बताया कि डाइट के माध्यम से जिला ऊना के 199 प्री प्राईमरी स्कूलों को 60-60 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है, ताकि कक्षा रूम सजाने के साथ-साथ खिलौने उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्री प्राइमरी स्कूलों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा। वहीँ सरकारी स्कूलों में बच्चों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से शिक्षक भी खासे उत्साहित है। शिक्षकों की माने तो इस कदम से सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी। शिक्षिका सुनिधि शर्मा ने कहा कि अक्सर अविभावक सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी न होने के कारण ही बच्चो को निजी स्कूलों में दाखिल करवाते थे जिससे सरकारी स्कूलों में बच्चो की संख्या बढ़ नहीं पा रही थी। लेकिन सरकार के इस निर्णय से लोग सरकारी स्कूलों का रूख कर रहे है।

kirti