ओवरस्पीड वाहन चालकों पर कसा ऊना पुलिस ने शिकंजा तीन माह में 5000 चालान

Thursday, Mar 25, 2021 - 03:20 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : वाहनों की ओवरस्पीड हादसों का सबब बनती है और हादसे कभी किसी की जिंदगी छीन लेते हैं तो कभी किसी को अपाहिज बना देते हैं। किसी घर का चिराग बुझ जाता है तो किसी घर का सहारा ओवरस्पीड के कारण छिन जाता। जरूरी नहीं कि ओवरस्पीड वाहन चलाने वाला चालक ही इस हादसे का शिकार हो कई बार राह चल रहे बेकसूर भी इस स्पीड का शिकार हो जाते हैं और उनके पीछे उनके परिवार ताउम्र के लिए दुख भोगते हैं। जिला पुलिस ने इन दिनों इसी ओवर स्पीड पर लगाम कसने को कवायद छेड़ रखी है। मैदानी इलाका होने के चलते यहां पर वाहनों की रफ्तार जरूरत से ज्यादा रहती है। कभी कभार तो रोड पर एडवेंचर करने वाले युवा ना सिर्फ अपनी जान गंवा बैठते हैं बल्कि राह चलते लोगों के लिए भी मौत के सौदागर बन जाते हैं। ऐसे वाहन चालकों पर जिला पुलिस बखूबी शिकंजा कस रही है और इस साल के मात्र तीन महीनों में ही ओवरस्पीड चलने वाले वाहन चालकों के करीब 5000 चालान किए जा चुके हैं। 

देश के मैदानी जिला ऊना में सड़कों पर सरपट दौड़ते ओवर स्पीड वाहन चालकों की अब खैर नहीं है। पुलिस ने ऐसे ही बिगड़ैल चालकों पर नकेल कसने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए मुहिम शुरू की है। सड़कों पर ओवरस्पीड चलना न सिर्फ वाहन चालकों के लिए बल्कि राह चलते कई बेकसूर लोगों के लिए भी मौत का सबब बन जाता है। जिला में अभी तक स्पीड के कई सौदागर जान से हाथ धो बैठे हैं या फिर दूसरों को अपनी इस रफ्तार का शिकार बना चुके हैं। लेकिन ऐसे ओवरस्पीड वाहनों को निर्धारित गति सीमा में लाने के लिए इन दिनों जिला पुलिस स्पीड गन का इस्तेमाल कर रही है। जिसके बलबूते पुलिस को करीब आधा किलोमीटर दूर से ही वाहनों की स्पीड का पता चल जाता है।

आधुनिक तकनीक से लैस स्पीड गन का इस्तेमाल करते हुए जिला पुलिस ने पूरे हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा ओवर स्पीड के चालान ऊना जिला में अभी तक किए हैं। डीएसपी हेडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर का कहना है कि रफ्तार के इन सौदागरों पर जिला पुलिस बखूबी नकेल कस रही है। हिमाचल प्रदेश में किसी में जिला का यह है अभी तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। रमाकांत ठाकुर का कहना है कि आमतौर पर देखा जाता है कि इस स्पीड के कारण लोग हादसों का शिकार होते हैं। इन हादसों पर लगाम कसने और लोगों की जान बचाने के लिए पुलिस द्वारा विशेष अभियान छेड़ा गया है। प्रदेश का मैदानी जिला होने के चलते ऊना की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार गति सीमा से अधिक ही रहती है। यह न केवल वाहन चालकों के लिए बल्कि राहगीरों के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है। इसी खतरे को कम करने के लिए पुलिस ने कमर कसी है और यह अभियान जिला के विभिन्न क्षेत्रों में आगे भी जारी रहेगा।
 

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prashant sharma