अब ऊना अस्पताल में भी मिलेगा मरीजों व तीमारदारों को भोजन

Monday, Sep 02, 2019 - 06:35 PM (IST)

ऊना (अमित): शिमला की तर्ज पर अब क्षेत्रीय अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके साथ आए तीमारदारों के लिए महादेव मंदिर कोटलाकलां की ओर से नि:शुल्क भोजन सुविधा का आगाज किया गया है। न केवल यहां दोपहर के समय नि:शुल्क भोजन वितरित किया जाएगा बल्कि आने वाले दिनों में शाम के समय चाय, ब्रैड व बिस्कुट आदि भी वितरित किए जाएंगे। इस सकारात्मक सोच को धरातल पर उतारा है कोटलाकलां के प्रसिद्ध महादेव मंदिर ने।

महंत मंगलानंद महाराज विशेष तौर पर उपस्थित रहे

यहां के ब्रह्मलीन स्वामी चन्नानंद महाराज के परम शिष्य महंत मंगलानंद महाराज की प्रेरणा से नि:शुल्क भोजन सेवा सोमवार को शुरू की गई है। इस मौके पर महंत मंगलानंद महाराज ने विशेष तौर पर उपस्थिति देकर लोगों को भोजन वितरित किया। इस मौके पर स्वास्थ्य अधिकारी डा. निखिल सहोड़, डा. एस.के. बंसल व अधीक्षक बलराम ठाकुर, हरिओम गुप्ता, दिनेश गुप्ता, विपिन शर्मा, एच.एन. चीटू, पवन जैतिक, मोहन लाल मोहनी, चंदन आंगरा, अविनाश कपिला, महिंद्र, राजेश सैणी, नीरज जैतिक, साहिल, राजकुमार पठानिया, राजीव भनोट, बलविंद्र गोल्डी व शिव कुमार सांभर सहित अन्य उपस्थित रहे।

दोपहर 12 से 2 बजे तक बांटा जाएगा भोजन

प्राथमिक तौर पर अस्पताल में सी.टी. स्कैन सैंटर के समीप नि:शुल्क भोजन वितरण शुरू किया गया है। प्रतिदिन साढ़े 12 से दोपहर 2 बजे तक भोजन वितरित किया जाएगा। मरीजों और तीमारदारों को यहां नि:शुल्क भोजन वितरित किया जाएगा। नि:शुल्क भोजन वितरण के पहले ही दिन लगभग 500 से अधिक लोगों को नि:शुल्क भोजन की सुविधा प्रदान की गई। आने वाले दिनों में इस व्यवस्था में इजाफा किया जाएगा और शाम के समय भी चाय, दूध, ब्रैड व बिस्कुट आदि वितरित किए जाएंगे। इस सेवा के साथ समाज का हर वर्ग जुड़े, इसके लिए इस लंगर को जन्मदिन व शादी की सालगिरह जैसे समारोह के साथ जोड़ा जाएगा ताकि उस दिन लंगर का वितरण भी परिवार आकर करें और अपना सहयोग भी दें।

सात्विक ढंग से बनाया जाएगा भोजन

इस मौके पर महंत मंगलानंद महाराज ने कहा कि अस्पताल परिसर में महादेव मंदिर कोटलाकलां की ओर से नि:शुल्क भोजन वितरण की सुविधा लोगों के लिए शुरू की गई है। भोजन पूरी तरह से सात्विक ढंग से बनाया जाएगा जोकि रोगियों की सेहत के लिए भी लाभदायक होगा। इस सेवा प्रकल्प में हर कोई जुड़ सकता है। यह समाज का कार्य है, इसमें स्वेच्छा से सहयोग किया जा सकता है।

Kuldeep