ऊना रेल लाइन को लेकर जयराम ने खड़े किए हाथ, बोले- 3 हजार करोड़ देने में असमर्थ है प्रदेश

Monday, Nov 25, 2019 - 02:33 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र) : रेलवे के मसले में हिमाचल के भारी भरकम शेयर का मुद्दा रेलवे मंत्री पीयूष गोयल से उठाया गया है और इसे कम करने का आग्रह किया गया है। यह बात ऊना में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन बिछाने के लिए खर्च बहुत ज्यादा है और मौजूदा समय में प्रस्तावित प्रोजेक्टस पर काम चल रहा है। रेलवे बजट की कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन अधिक है। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य को विशेष छूट देने और 50 फीसदी शेयर के मामले केंद्रीय रेलमंत्री से उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण पार्ट में स्टेट शेयर में भी छूट मांगी गई है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल रेलवे की प्राइयोरिटी सैक्टर से बाहर नहीं है। कॉस्ट अधिक पड़ रही है जिसके लिए कोई बीच का रास्ता निकालने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बागवानी और कृषि के लिए हिमाचल को ट्रांस्पोटेशन का मामला भी केंद्रीय रेल मंत्री से उठाया गया है और उन्होंने इसमें मदद देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि ऊना-हमीरपुर रेल प्रोजैक्ट की स्टेट शेयर का खर्च करीब 3 हजार करोड़ रुपए है जिसे देने में प्रदेश सरकार असमर्थ है। उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन महत्वपूर्ण तो है लेकिन अत्याधिक खर्च होने की वजह से राज्य सरकार के लिए अदायगी करना काफी कठिन है।

ऐसे में केन्द्र सरकार से यह मामला उठाया गया है ताकि केन्द्र सरकार पहाड़ी राज्य होने के चलते हिमाचल को 50-50 की कॉस्ट शेयरिंग फार्मूले में राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर मामला उठाया गया है उन्होंने आश्वस्त किया है कि इस मामले में गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बदले की भावना से काम करने की हमारी परंपरा नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे दौर रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि चार्जशीट में जो गंभीर मामले होंगे, उसमें कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों में डम्मी एडमिशन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोविजन सारे हैं। इस पर अलग से कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है, यह प्रचलन कई प्रदेशों में चल रहा है।

ऐसे में अध्ययन करने के बाद ही इस और आगे बढ़ सकते है। कांग्रेस द्वारा कार्यकर्ताओं के लिए लगाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर पर सी.एम ने कहा कि कांग्रेस 70 वर्ष में से 50 वर्ष तक सत्ता में रही। कांग्रेस के पास जो प्रशिक्षण है, वह काम नहीं आए। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए लोगों की सेवा नहीं की, बल्कि सत्ता का भोग करती रही। लोग भली-भांति जानते है, जिसका परिणाम है कि आज कांग्रेस मुक्त भारत है। अब वह क्या प्रशिक्षण ले रहे है, वे इस पर वह कुछ नहीं कहना चाहते लेकिन उनका पिछला प्रशिक्षण बिल्कुल बेकार है।

kirti