सूर्य देवता कर रहे ऊना के किसानों को मालामाल, बिजली बिलों व डीजल के झंझट से मिला छुटकारा

Thursday, Dec 12, 2019 - 11:51 AM (IST)

 ऊना (अमित) :आपने सूर्यदेव को आग बरसाते तो जरूर देखा होगा लेकिन अब सूर्यदेव किसानों के खेतों को में जमकर पानी बरसा रहे है। बिलकुल यह सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन यह सच है। क्योंकि सूर्यदेव से निकलने वाली किरणों से खेतों की सिंचाई के लिए प्रयोग होने वाले ट्यूवबेल चलने शुरू हो गए है। मोदी सरकार ने वर्ष 2022 तक देश के किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।

इसी दिशा में हिमाचल सरकार ने कदम उठाते हुए प्रदेश में सौर सिंचाई योजना शुरू की है, इस योजना के तहत खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पैनल सयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। ऊना जिला के किसान सौर सिंचाई योजना का ख़ासा लाभ ले रहे हैं। ऊना जिला में करीब 45 किसानों ने सौर सिंचाई योजना को अपना लिया है। सौर ऊर्जा के माध्यम से खेतों की सिंचाई होने से किसानों को बिजली के भारी भरकम बिलों और डीजल के खर्च से छुटकारा मिल रहा है, क्योंकि ज्यादातर ट्यूवबेल बिजली या डीजल इंजन से ही चलाये जाते हैं, लेकिन सौर सिंचाई योजना को अपनाकर किसान सालों लाखों रुपये की बचत कर रहे हैं। 

किसानों की माने तो सौर सिंचाई योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। किसानों की माने तो सौर सिंचाई योजना के सोलर पैनल लगाने में कोई मुश्किल नहीं आती वहीं इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। लेकिन किसानों की माने तो धूप खिलने पर ही यह योजना काम कर पाती है और अगर इसमें सौर ऊर्जा द्वारा बन रही बिजली को बिजली स्टोर करने की सुविधा मिल जाये तो किसान कभी भी खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। 

कृषि विभाग के उप निदेशक सुरेश कपूर की मानें तो प्रदेश सरकार द्वारा जिला ऊना में सौर सिंचाई योजना के लिए 2 करोड़ 80 लाख का बजट मुहैया करवाया गया है जिसके तहत कृषि विभाग द्वारा एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च करके करीब 45 किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया है। कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान इस योजना के प्रति काफी आकर्षित हो रहे हैं। कृषि उप निदेशक की माने तो किसान सौर ऊर्जा सयंत्र से अपने ट्यूवबेल को तो चला ही सकते हैं जबकि इसी सयंत्र से पैदा होने वाली अधिक बिजली को विद्युत् विभाग को बेच भी सकते हैं। 

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Simpy Khanna