निजी क्लीनिकों में भी निशुल्क होंगे गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाऊंड

Wednesday, Nov 13, 2019 - 11:18 AM (IST)

सोलन (रवीन्द्र): अल्ट्रासाऊंड अस्पताल में न होने पाने की किसी भी स्थिति में अब गर्भवती महिलाओं को इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही उन्हें इसके लिए निजी डायग्रोस्टिक सैंटर्स में मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। सरकार ने गर्भवती महिलाओं को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए अब निजी अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स के साथ टाईअप करने का निर्णय लिया है। इन निजी अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स में महिलाओं को यह सुविधा  निशुल्क मिलेगी और प्रत्येक अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स को इसके लिए रोगी कल्याण समिति 200 रुपए का भुगतान करेगी। रोगी कल्याण को यह पैसा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत रीइंबर्स होगा।

नैशनल हैल्थ मिशन (एन.एच.एम.) से इस संबंध में अस्पतालों को पत्र भेजे गए हैं। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन को भी पत्र मिला है और इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके तहत शहर में 6 अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स को इसके साथ जुड़ने के लिए पत्र भेजे जा रहे हैं। योजना से जुड़ने के लिए अल्ट्रासाऊंड सैंटर पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत कार्य कर रहा हो और सरकार की योजनाओं के लिए एम्पेनल हो। अल्ट्रासाऊंड करने वाला क्वालिफाइड रेडियोलॉजिस्ट होना चाहिए। इसके लिए सैंटर्स को 200 रुपए प्रति अल्ट्रासाऊंड करने होंगे।

पत्र मिलने के बाद इच्छुक सैंटर इसके लिए अप्लाई कर सकेंगे। अल्ट्रासाऊंड सैंटर को इस योजना में जोड़ने के बाद उनकी सूची क्षेत्रीय अस्पताल में लगाई जाएगी।अस्पताल में चिकित्सक न होने, मशीन खराब होने या किसी भी कारण से अल्ट्रासाऊंड न हो पाने पर मरीजों को एक रसीद दी जाएगी और इस सूची में से वह किसी के पास भी अल्ट्रासाऊंड करवा सकेंगे। गर्भवती महिलाओं को इसका कोई भी शुल्क अदा नहीं करना पड़ेगा। इससे उन महिलाओं को राहत मिलेगी, जिन्हें कई बार अस्पताल में अल्ट्रासाऊंड न हो पाने के कारण भटकना पड़ता है या फिर बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं और निजी क्लीनिकों में अधिक पैसे देने पड़ते हैं। निजी अल्ट्रासाऊंड सैंटर्स को अस्पताल से दी गई रसीद व अल्ट्रासाऊंड की फोटो कॉपी प्रस्तुत करनी होगी तभी उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा। इस का भुगतान उन्हें रोगी कल्याण समिति द्वारा किया जाएगा और रोगी कल्याण समिति को यह पैसा जे.एस.एस.के. योजना से वापस मिल जाएगा।

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Simpy Khanna