यू.जी.सी. ने रोकी सी.यू. की 1 करोड़ की नॉन सैलरी ग्रांट

Tuesday, Sep 18, 2018 - 10:54 AM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय में हुई वित्तीय गड़बडिय़ों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की 1 करोड़ की नॉन सैलरी ग्रांट रोक दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालय में 12 ऐसी वित्तीय गड़बडिय़ां हुई हैं जिसको फैक्ट पैंडिंग कमेटी व अन्य कमेटियों ने आवॅजैक्शन लगाए थे तथा एच.पी.सी.यू. से उक्त हुई गड़बड़ियों में उच्चाधिकारियों से रिकवरी करने के लिए कहा जा रहा था।

जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस बारे 3 बार लिखित में केंद्रीय विश्वविद्यालय को भेजा कि यदि उक्त वित्तीय गड़बड़ियों में अनियमितताएं बरतने वाले उच्चाधिकारियों से रिकवरी ली जाए अन्यथा गंभीर कदम यूनिवर्सिटी की ग्रांट में लिए जा सकते हैं। यू.जी.सी. द्वारा बार-बार लिखने के बावजूद भी एच.पी.सी.यू. से उक्त उच्चाधिकारियों से कोई भी रिकवरी न लेने के चलते यह ग्रांट यू.जी.सी. द्वारा रोकी गई है। सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी के एक उच्चाधिकारी द्वारा 2014 से 2016 तक नियमों के तहत जो वेतन बनता है उससे अधिक लिया था, जिसके चलते यू.जी.सी. बार-बार सी.यू. प्रशासन को लिखा जा रहा था कि उक्त उच्चाधिकारी से जल्द से जल्द रिकवरी की जाए।

इसके अतिरिक्त एक फैंचिंग मशीन की खरीददारी आदि को जोड़कर कुल 12 वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर यह ग्रांट यू.जी.सी. द्वारा रोकी गई है। 30 अगस्त को इस ग्रांट को रोकने के संदर्भ में यू.जी.सी. ने बाकायदा केंद्रीय विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर यह जानकारी दे दी है कि बार-बार कहने के बावजूद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा उक्त उच्चाधिकारियों से रिकवरी न लेने के चलते यह ग्रांट रोक दी गई है व भविष्य में भी यदि कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो और ग्रांट भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा रोक दी जाएगी।

यू.जी.सी. ने पत्र में यह भी लिखा है कि जब हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय विभिन्न मामलों में उच्चाधिकारियों से रिकवरी कर लेता है उसके बाद यह ग्रांट जारी कर दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक नॉन सैलरी ग्रांट के तहत फिलहाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को 7 से 8 करोड़ रुपए तक आते थे।
 

kirti