UGC ने उच्च शिक्षण संस्थानों को जारी किया सख्त फरमान

Tuesday, Feb 28, 2017 - 12:35 PM (IST)

शिमला: विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को अब संस्थान में तैनात फैकल्टी और विद्यार्थियों की संख्या का ब्यौरा वैबसाइट पर डालना होगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में संपूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने आदेश जारी किए हैं। हाल ही में यू.जी.सी. की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। निर्णय के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को संबंधित संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों की संख्या, तैनात फैकल्टी, विद्यार्थियों से वसूली गई फीस और संस्थान में चलाए जा रहे कोर्सों का संपूर्ण ब्यौरा अपनी वैबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक करना होगा। यू.जी.सी. के इस कदम से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों में और पारदर्शिता आएगी।


उक्त संस्थान को डिफाल्टर लिस्ट में डाला जाएगा
सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) ने इन आदेशों के साथ ही इसको लेकर भी तैयारी की है कि यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान वैबसाइट पर मांगी गई संपूर्ण जानकारी मुहैया नहीं करवाता है तो उस संस्थान के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी यही नहीं कार्रवाई के तहत ग्रांट तक रोकी जा सकती है और उक्त संस्थान को डिफाल्टर लिस्ट में डाला जाएगा। बताया जा रहा है कि इस मैकेनिज्म को अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र से हरी झंडी मिलते ही यू.जी.सी. इस दिशा में कदम उठाएगा।


विद्यार्थियों का बनेगा डिजिटल डाटाबेस
देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों का डिजिटल डाटाबेस बनाने को लेकर कवायद तेज हो गई है। आगामी 2 माह में यह व्यवस्था शुरू होने की उम्मीद है। यानी कि अगले जुलाई सत्र से विद्यार्थियों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो सकती है। विद्यार्थियों को डिजिटल फॉर्मेट पर डिग्रियां व सर्टीफिकेट्स प्रदान किए जाने पर फर्जी डिग्री व माक्र्सशीट्स पर भी नकेल कसी जा सकेगी। डिजिटल डाटाबेस बनने पर सर्टीफिकेट्स, डिग्रियों व मार्क्सशीट्स की विभिन्न प्रक्रियाओं के दौरान वैरीफिकेशन करने में भी आसानी होगी।