बाल मजदूरी से मुक्त होकर प्रतिष्ठित स्कूल में पहुंची 2 जुड़वां बहनें, पढ़ें क्या है सपना

Sunday, Apr 23, 2017 - 07:05 PM (IST)

शिमला: सिरमौर के पांवटा से बाल मजदूरी व शोषण करने से छुड़वाई 2 जुड़वां बहनें अब शिमला के पोर्टमोर स्कूल में नि:शुल्क पढ़ाई करेंगी। एक बच्ची कहती है कि वह उच्च शिक्षा लेकर शिक्षिक बनेगी और दूसरी का सपना है पुलिस में भर्ती होकर समाज सेवा करेगी। जानकारी के अनुसार शिमला जिला के अत्यंत दुर्गम व पिछड़ी कुपवी तहसील की साढ़े 13 साल की 2 जुड़वां बहनें साथ लगते सिरमौर जिले के एक कारोबारी के पास लगभग एक साल से बाल मजदूरी कर रही थीं। पिता ने इस भरोसे पर उन्हें वहां भेज दिया था कि वह व्यापारी उनको स्कूल में पढ़ाएगा लेकिन स्कूल में दाखिला दिलाने के बाद पढऩे का मौका ही नहीं दिया गया। 

उमंग फाऊंडेशन ने उठाया मदद का जिम्मा
गत फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा के कारण जब मासूम बच्चियां इंदिरा गांधी मैडीकल कालेज अस्पताल में लाई गईं तो वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर रमेश चंद ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रोफैसर और उमंग फाऊंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव से मदद मांगी ताकि प्रभावशाली लोग कहीं यह गंभीर मामला रफा-दफा न करवा दें। इसके बाद उनकी मदद का जिम्मा उमंग फाऊंडेशन ने उठाया और सिरमौर पुलिस ने शिमला से उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद बाल मजदूरी और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज कर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। 

होस्टल में रहकर करेंगी पढ़ाई
इसके बाद दोनों बेटियों का भविष्य खतरे में था क्योंकि उनकी पढ़ाई को बाल मजदूरी और शोषण का दीमक खा चुका था। इस मामले को लेकर अजय श्रीवास्तव ने राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष किरण धानटा से भेंट की और बच्चियों को शिमला के प्रतिष्ठित पोर्टमोर स्कूल में प्रवेश और होस्टल की सुविधा दिलाने की गुहार लगाई। आयोग ने शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए और अब दोनों बच्चियां होस्टल में रहकर पढऩे लगी हैं।