रोहतांग के बाद अब यहां बनेगी 3 कि.मी. लम्बी सुरंग, कारगिल की दूरी होगी कम

Monday, Apr 09, 2018 - 06:35 PM (IST)

मनाली: बी.आर.ओ. के अतिरिक्त महा निदेशक मोहन लाल ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की दूरी को कम करने को रोहतांग टनल का निर्माण करने के बाद बी.आर.ओ. शिंकुला दर्रे में टनल का निर्माण करने जा रहा है। शिंकुला दर्रे में बनने वाली 3 कि.मी. सुरंग के निर्माण से पाकिस्तान की सीमा पर पहुंचना आसान हो जाएगा। इस टनल के निमार्ण से हालांकि लेह की दूरी कम नहीं होगी लेकिन कारगिल की दूरी बहुत कम हो जाएगी। ए.डी.जी. मोहन लाल रोहतांग दौरे के दौरान 13050 फुट ऊंचे रोहतांग दर्रे में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनाली-लेह मार्ग को 2019 तक डबललेन बना दिया जाएगा। मार्ग के बनने से सैलानी व राहगीर सुहाने सफर का आनंद उठाएंगे।


मई के पहले सप्ताह में बहाल होगा मनाली-लेह मार्ग
 मार्ग बहाली की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग मई के पहले सप्ताह तक बहाल कर लिया जाएगा। बी.आर.ओ. युद्धस्तर पर इस मार्ग में बर्फ हटाने का काम कर रहा है। बी.आर.ओ. ने रोहतांग दर्रा समय पर बहाल कर लाहौल की जनता को राहत दी है। उन्होंने कहा कि बी.आर.ओ. ने रोहतांग बहाली के बाद बारालाचा दर्रे का रुख कर लिया है और बी.आर.ओ. के डोजर सरचू की ओर बढ़ते हुए पटसेउ से आगे निकल गए हैं। स्पीति मार्ग बहाली की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि स्पीति की ओर कुजुंम दर्रे की बहाली करते हुए लोसर से चंद्रा ब्रिज तक पहुंच गए हैं। स्पीति की यह टीम 174 कि.मी. तक बडादडा तक सडक बहाल करेगी जबकि दूसरी टीम ग्रांफू से कुंजुम दर्रे की ओर मार्ग बहाल करने में जुट गई है। मई तक स्पीति के इस मार्ग को बहाल कर लिया जाएगा। 


बर्फ कम लेकिन चुनौतियां बरकरार
उन्होंने कहा कि इस बार बर्फ कम पड़ी है लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। इस दौरान बी.आर.ओ. कमांडर कर्नल अरविंद कुमार अवस्थी ने कहा कि बी.आर.ओ. मनाली-लेह मार्ग सहित तांदी-संसारी मार्ग और ग्रांफू-सुमदो मार्ग को बहाल करने के साथ-साथ मुरम्मत कार्य में भी जुट गया है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की इन सड़कों को बेहतर बनाने के हरसम्भव प्रयास किए जाएंगे।

Vijay