Shimla: शिमला में पेड़ गिरने और लैंडस्लाइड से हड़कंप, मेयर ने वार्डों में नुक्सान की मांगी रिपोर्ट
punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 09:19 PM (IST)

शिमला (वंदना): राजधानी शिमला में बारिश से पेड़ गिरने व भूस्खलन होने का सिलसिला जारी है। वीरवार को शहर में पेड़ गिरने के साथ ही कई जगहों पर लैंडस्लाइड होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी है। शहर के यूएस क्लब एरिया में साइंस एडं टैक्नोलॉजी विभाग की छत पर सुबह करीब साढे़ 5 बजे के आसपास पेड़ गिरने से बड़ा हादसा होने से टल गया। पेड़ भवन की छत पर गिरा, इससे छत को काफी नुक्सान पहुंचा है। छत के अंदर भी पेड़ की कई टहनियां पहुंची हैं, इससे रेलिंग और बोर्ड को काफी नुक्सान पहुंचा है।
गनीमत यह रही कि कार्यालय के टाइमिंग के समय पर पेड़ नहीं गिरा, ऐसे में इससे बड़ा नुक्सान यहां पर हो सकता था। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पेड़ को लेकर ट्री कमेटी को लिख कर दिया गया था कि यह खतरनाक है, लेकिन अब पेड़ गिर गया है। इससे आसपास बिजली की तारों को काफी नुक्साप पहुंचा है। पेड़ गिरने की सूचना के बाद वन विभाग की टीम को सूचित किया गया इसके बाद पेड़ को काटा गया।
उधर, शहर के मैहली रोड पर भूस्खलन होने से मलबा सड़क पर जा गिरा। इससे काफी समय के लिए यहां पर वन-वे किया गया था। इसके बाद मलबे को हटाया गया। पांजड़ी में डिप्टी मेयर उमा कौशल के वार्ड में बारिश से भूस्खलन हो गया। यहां पर डंगा ढह गया है। मौके पर पहुंची डिप्टी मेयर ने स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद डंगा लगाने के निर्देश अधिकारियों काे दिए हैं। इसके लिए जल्द ही औपचारिकताओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं शहर के बिजली बोर्ड ईदगाह कालोनी के पास भी सड़क ढह गई है। यहां पर सड़क का डंगा ढह गया है, जिससे रोड पूरी तरह से आवाजाही के लिए बंद हो गया है। बारिश के कारण यहां पर डंगा ढहा है, जिससे अब क्षेत्र के लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश से शहर में नुक्सान हो रहा है। पेड़ों के गिरने से सपंत्तियों और बिजली की तारों को काफी नुक्सान पहुंच रहा है।
बरसात से शहर के वार्डों में अब तक कितना नुक्सान हुआ है। नगर निगम अब इसकी पड़ताल करने में जुट गया है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने सभी वार्डों से डंगा ढहने से लेकर सड़क, रास्तों व बिजली की तारों से लेकर अन्य नुक्सान जो हुआ है, उसकी रिपोर्ट कनिष्ठ अभियंता से मांगी है। 7 दिनों में यह रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि निगम इस नुक्सान की भरपाई करने के लिए राज्य सरकार से वित्तीय मदद की मांग कर सके।