लगघाटी की सड़कों पर सफर हुआ खतरनाक, सुध लेने वाला कोई नहीं

Sunday, Sep 30, 2018 - 09:51 AM (IST)

कुल्लू : ग्रामीण आंचल की भाग्य रेखा कही जाने वाली लगघाटी की सड़कें वर्षों से उपेक्षा का दंश झेल रही हैं। लगघाटी की जनता का कहना है कि हालांकि समय-समय पर विभाग इन सड़कों की खोज-खबर तो लेता है, लेकिन नाममात्र की। सड़कों के साथ सूखे पेड़ और चट्टानें सड़कों की तसदीक कर रहे हैं। कुल्लू लगघाटी सड़क के साथ लगती पंचायतों की जनता से सड़क के नाम पर छल किया जा रहा है। लगघाटी की सड़कें आए दिन मौत के खौफ  से कम नहीं हैं। भू-भू जोत टनल के लिए लगघाटी की सड़क चौड़ाई के कार्य के दौरान घाटी के लोगों को काफी नुक्सान हुआ है। कई पेड़ भू-स्खलन की चपेट में आए तथा लोगों की जमीन व आशियाने भी सड़क चौड़ाई की भेंट चढ़ गए। फिर भी कुल्लू की लगघाटी में बनने वाली भू-भू जोत टनल को प्राथमिकता बताकर पहले लोकसभा के लिए सांसद राम स्वरूप शर्मा ने वोट मांगे थे और बाद में विधानसभा चुनाव में विधायक गोविंद ठाकुर ने घाटी के लोगों को प्राथमिकता के तौर पर शुरू करवाने की बात कही थी, लेकिन आज दिन तक न तो राम स्वरूप शर्मा ने इसमें रुचि दिखाई है और न ही गोविंद ठाकुर ने।

कहां गई लगघाटी की पंचायत संस्था
इलाका वासियों राजा, रमेश, दियाल, मोहर, कलमी, विजय, मोहर सिंह, केहर सिंह, नवीन, शेर सिंह, हीम चंद, दिले राम, राम चंद व जगत राम आदि का कहना है कि इस सड़क पर कई वार हादसे हो चुके हैं। कुल्लू से तेलंग सड़क के खलाड़ा नाला, बढ़ई, छुटलीधार, सुमा, शलधारी, भुट्टी, कमांद व शालंग के कई स्थानों पर चट्टानें व पेड़ हादसों को न्यौता दे रहे हैं। बीते वर्ष भी खलाड़ा नाला के पास भारी चट्टाने व पेड़ गिरने से 7 दिन तक सड़क मार्ग अवरुद्ध रहा था, जिससे घाटी वासियों को काफी समस्या हुई। उन्होंने कहा कि 1 साल पहले लगघाटी के पंचायत प्रधानों व बी.डी.सी. सदस्यों ने एक लगघाटी पंचायत संस्था का गठन किया था, आज वह संस्था कहां गई। जिसने घाटी के लोगों के साथ बड़े-बड़े वायदे किए थे कि राजनीति से ऊपर उठकर काम करेंगे। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि वे घाटी वासियों की समस्या को जल्द सुलझाएं, ताकि आने वाली सर्दी के मौसम में लोगों को समस्या न उठानी पड़े।

संबंधित विभाग से मिलेंगे पंचायत प्रतिनिधि     
पंचायत प्रधान बिमला देवी, कमला देवी, नंद लाल, मनोरमा देवी, पूर्ण सिंह, हेम राम व दुनी चंद आदि का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के लिए एक तो पैसे की जुगत बड़ी मुश्किल से होती है, दूसरे यदि उसमें भी खानापूर्ति का रवैया रहा तो ग्रामीणों को सड़कों की बदतर स्थिति से दो-चार होना पड़ेगा। उनका कहना है कि अब सर्दी का मौसम भी आने वाला है और विभाग को इस बारे में अवगत करवाया जाएगा, ताकि घाटी के लोगों को समस्या न हो। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारी डी.एफ.ओ. डा. नीरज चड्ढा ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों को सर्वे करने के आदेश दे दिए गए हैं और जल्द ही लगघाटी की सड़क पर गिरने वाले या सूखे पेड़ों को चिन्हित करके उन पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
 

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