डीएवी डैंटल कॉलेज में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे प्रशिक्षु डॉक्टर, जानिए क्या है मामला (Video)

Wednesday, Dec 08, 2021 - 05:42 PM (IST)

सोलन (नरेश पाल): डीएवी डैंटल कॉलेज टटूल में 2 एचओडी को कथित रूप से नौकरी से निकाले जाने पर प्रशिक्षुओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। काॅलेज परिसर में छात्रों ने "वी वांट टीचर बैक" के नारे लगाकर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि काॅलेज में पहले से टीचरों की कमी है। जो ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं अब उन्हें भी बाहर निकाला जा रहा है। इस कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। काॅलेज में इंटरशिप कर रहे प्रशिक्षु डाॅक्टरों का कहना है कि उन्हें स्टाइफंड तक नहीं दिया है। इस कारण उन्हें भी मुफ्त में भी सेवाएं देनी पड़ रही हैं। छात्रों ने ऐलान किया है कि जब तक दोनों टीचरों को नौकरी पर वापस नहीं रखा जाता तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।छात्रों के प्रदर्शन से कॉलेज प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। छात्र अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित हैं। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि कहीं प्रशासन की कॉलेज को बंद करने की योजना तो नहीं है। काॅलेज प्रशासन ने इस पूरे मसले पर चुप्पी साध ली है।

छात्रों की मानें तो कॉलेज में ओरल सर्जरी विभाग में वर्तमान में एक भी एमडीएस टीचर नहीं है। इसके अलावा द्वितीय वर्ष में फार्मा व माइक्रोबॉयोलॉजी के टीचर नहीं हैं। बिना टीचरों के वे कैसे डाॅक्टर बन सकते हैं। स्थिति यह हो गई है कि एचओडी के नौकरी से निकाले जाने के बाद कॉलेज के अस्पताल में ओपीडी भी प्रभावित हो गई है। इसके कारण दंत रोगियों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से काॅलेज में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। 3 माह पूर्व पैरियोडांटिक्स के एचओडी को बिना किसी कारण से नौकरी से निकाल दिया था जोकि काफी अनुभवी टीचर थे। उनकी किताब भी प्रकाशित हुई है। मंगलवार को कॉलेज प्रशासन ने ओरल सर्जरी व ऑर्थोडांटिक्स के एचओडी को भी निकाल दिया।

इंटरनशिप कर रहे प्रशिक्षु डाॅक्टर स्नेहा, डाॅ. श्रेया, डाॅ. शाहरूख, डाॅ. प्राची, डाॅ. महक, डाॅ. शिवानी, डाॅ. ऐरिका, डाॅ. अनूप, डाॅ. सुरेश व डाॅ. प्रशिक्षित ने कहा कि उनकी यह अनिश्चितकालीन हड़ताल है। जब तक इन एचओडी की नौकरी को बहाल नहीं किया जाता तक यह जारी रहेगी। यही टीचर कॉलेज में छात्रों को पढ़ा रहे थे और उन्हें ही नौकरी से निकाल दिया। अब उन्हें पढ़ाने के लिए कोई टीचर नहीं है। टीचरों की कमी के कारण उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। अनुभवी टीचरों को बाहर निकालना न तो कॉलेज और न ही छात्रों के भविष्य के लिए ठीक है। उनकी मांग है कि इन टीचरों को फिर से नौकरी पर रखा जाए।

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Content Writer

Vijay