मजदूरों के शोषण पर ट्रेड यूनियनों ने निकाली रैली, धरना-प्रदर्शन कर सौंपे ज्ञापन

Friday, Sep 07, 2018 - 07:36 PM (IST)

बिलासपुर: केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार को मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन, सौर ऊर्जा परियोजना वर्कर्ज यूनियन डोलबेड़ा एवं अन्य स्कीम वर्कर्ज ने प्रदर्शन किया तथा डी.सी. बिलासपुर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन प्रेषित किया। धरना-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ  जमकर नारेबाजी की। यह धरना-प्रदर्शन व रैली पूर्व विधायक के.के. कौशल, एटक के जिलाध्यक्ष लेख राम वर्मा तथा लेख राम धीमान व राजकुमार की अगुवाई में किए गए। ज्ञापन में कहा गया कि स्कीम वर्कर लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं।

सरकारी कर्मचारी घोषित किए जाएं स्कीम वर्कर्ज
ज्ञापन में मांग की गई कि सभी स्कीम वर्कर्ज को सरकारी कर्मचारी घोषित करके नियमित किया जाए, उन्हें न्यूनतम 18,000 रुपए वेतन प्रतिमाह दिया जाए, 3,000 रुपए मासिक सामाजिक सुरक्षा पैंशन दी जाए तथा सुधार के नाम पर श्रम कानूनों से छेड़छाड़ बंद की जाए। महिला कर्मचारियों को मिलने वाली छुट्टियां व अन्य सुविधाएं स्कीम वर्कर्ज को भी दी जाएं। इसके अलावा मिड-डे मील जैसी योजनाओं को एन.जी.ओ. को न सौंपा जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को निजी हाथों में न बेचा जाए व डोलबेड़ा सौर ऊर्जा प्रोजैक्ट में स्थानीय लोगों को 80 प्रतिशत रोजगार दिया जाए। इस प्रोजैक्ट में श्रम कानून लागू किए जाएं तथा कर्मचारियों को पी.एफ . व ई.एस.आई. जैसी सुविधाएं दिए जाने की मांग की गई।

शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय के बाहर दिया धरना
वहीं एटक के बैनर तले मांगों को लेकर रैली में भाग लेने के बाद मिड-डे मील वर्कर शिक्षा उपनिदेशक से मुलाकात करने उनके कार्यालय पहुंचे। उपनिदेशक की गैर-मौजूदगी में उन्होंने कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि घंडीर, धारकांशी व मंझेड़ स्कूलों में कार्यरत मिड-डे मील कर्मियों को बिना किसी कारण के निकाल दिया गया। मापदंडों को ताक पर रखते हुए उनके स्थान पर नई भर्तियां कर दी गईं। उन्होंने कहा कि नई भर्तियां तुरंत प्रभाव से निरस्त करके पुराने मिड-डे मील वर्कर्ज की सेवाएं बहाल की जाएं।

शिक्षा विभाग के अधिकारी पर की जाए कार्रवाई
शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर को दिए मांगों के ज्ञापन में यूनियन ने मांग की कि यूनियन की एक पदाधिकारी के साथ दुव्र्यवहार करने वाले शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ  कार्रवाई की जाए तथा पिछले साल हुआ समझौता लागू किया जाए। यूनियन के नुमाइंदों ने कहा कि मिड-डे मील वर्कर्ज ने पिछले साल मांगों को लेकर आमरण अनशन किया था। उसके बाद तत्कालीन एस.डी.एम. की मध्यस्थता में 28 जून को लिखित समझौता हुआ था। एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी समझौते पर अमल नहीं हो पाया है। उसे जल्द लागू किया जाए।

 

Vijay