प्रतिबंध के बावजूद ब्यास नदी में उतर रहे पर्यटक, कहीं पड़ न जाए महंगा

Friday, May 11, 2018 - 09:55 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): ब्यास नदी में रोक के बावजूद सैलानी पानी से अठखेलियां करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। 4 वर्ष पूर्व ब्यास नदी में थलौट के पास हैदराबाद से घूमने आए 24 प्रशिक्षु इंजीनियर भी अचानक डैम से पानी छोड़े जाने के बाद बह कर अपनी जान गंवा चुके हैं लेकिन इस घटना से सबक लेने के बजाय पर्यटक बेखौफ ब्यास नदी के तट पर मस्ती करने पहुंचे रहे हैं, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ रही है। सैलानी इन हादसों से बेखबर होकर मस्ती में सपरिवार पानी में उतर रहे हैं, जिससे ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि आजकल डैम में पानी जमा हो रहा है और कभी भी पानी बढ़ते ही इसे छोड़ा जा सकता है।


हर वर्ष डूब जाते हैं पर्यटक, स्थानीय व्यक्ति व पशु
बता दें कि ब्यास का जलभराव पंडोह व लारजी में एकत्र होता है। पानी के अत्यधिक वेग से बहने के कारण प्रत्येक वर्ष पर्यटक व स्थानीय व्यक्तियों के अलावा पशु भी डूब कर गायब हो जाते हैं। मंडी शहर के ही ऐतिहासिक गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा में आजकल सैंकड़ों श्रद्धालु ठहरते हैं। वे ब्यास नदी के भीतर ऐतिहासिक शिलाखंड पर माथा टेकने के बाद भीषण गर्मी से त्रस्त होते हुए ब्यास के ठंडे पानी में छलांगें मारना शुरू कर देते हैं।


क्या कहता है मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा
मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया ने कहा कि ब्यास नदी की ओर जाने वाले सभी कच्चे-पक्के तथा स्थायी व अस्थायी रास्तों पर कंटीली तार या पक्की आर.सी.सी. की दीवारें चिनवा दी जाएं ताकि किसी भी पर्यटक के साथ अनहोनी न हो। थलौट हादसे के बाद जिला प्रशासन व पुलिस विभाग की ही जवाबदेही उच्च न्यायालय ने तय की है और अगर उपरोक्त कदम नहीं उठाया जाता है तो मोर्चा उच्चाधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ  शपथ पत्र दायर करते हुए उन पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाने से गुरेज नहीं करेगा।


क्या कहता है प्रशासन
ए.डी.एम. मंडी राजीव कुमार ने बताया कि इस बारे में गुरु गोबिंद सिंह गुरुद्वारा प्रबंधन को सूचित किया जाएगा कि वहां वह चेतावनी जारी करे, वहीं जिला में पर्यटकों को पानी में न उतरने के लिए चेतावनी बोर्ड व लाऊड स्पीकर लगाकर जागरूक किया जा रहा है।

Vijay