कहने को BPL सूची में नाम और मालिक लाखों के

Thursday, Aug 03, 2017 - 01:04 AM (IST)

जोगिंद्रनगर: द्रंग विकास खंड की गुम्मा पंचायत में अभी फर्जी बिलों से सप्लाई मामले की जांच शुरू भी नहीं हुई थी कि पंचायत के पूर्व कार्यकाल में हुआ एक और कारनामा सामने आ गया है। इस बार आरोप यह है कि पंचायत को कई वर्षों तक एक ऐसी महिला लाखों रुपए की निर्माण सामग्री अपनी गाड़ी से सप्लाई करती रही जो स्वयं एक अन्य पंचायत में बी.पी.एल. सूची में दर्ज है। आरोप यह भी है कि यह महिला एक पूर्व प्रतिनिधि की रिश्तेदार है और उसी की शह पर यह लाखों रुपए के गोलमाल का खेल खेला गया। जब लोगों को असलियत का पता चला तो उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर डी.सी. तक से जांच की मांग की लेकिन अभी तक जांच शुरू नहीं हो सकी है। जिला पंचायत अधिकारी ने भी मामले की जांच के आदेश मार्च में किए थे लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब अधिवक्ता रणजीत चौहान ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। 

ऐसे हुआ खुलासा 
जानकारी के अनुसार जब पंचायत के कुछ परिवारों को बी.पी.एल. सूची में दर्ज इस महिला के लाखों रुपए की कीमत के वाहन की मालिक होने की सूचना मिली तो उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। ऐसे में मामले की भनक लगते ही यह गाड़ी गुम्मा पंचायत के ही एक अन्य व्यक्ति के नाम ट्रांसफर हो गई। इससे बड़ा और क्या आश्चर्य हो सकता है कि जिस व्यक्ति के नाम यह लाखों की गाड़ी ट्रांसफर हुई, उस व्यक्ति का नाम भी बी.पी.एल. की सूची में दर्ज हो गया। आरोप तो यह भी है कि जिस वाहन को इस खेल में शामिल कर लाखों रुपए की हेराफे री हुई उसका असली मालिक पंचायत का ही एक प्रतिनिधि था। ऐसे में कोटेशनों से लेकर बिलों तक में हेराफे री का अंदेशा जताया जा रहा है। 

आदेश मिलते ही शुरू होगी मामले की जांच
गुम्मा के पंचायत सचिव पंकज ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री से जांच के आदेश की कॉपी उनके कार्यालय में भी आई है। जैसे ही विकास खंड से आदेश आते हैं तो मामले की जांच शुरू कर दी जाएगी।