TMC में मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा, जांच पर अड़े

Thursday, Dec 08, 2016 - 12:37 AM (IST)

कांगड़ा: डा. राजेन्द्र प्रसाद मैडीकल कालेज टांडा में बुधवार शाम एक व्यक्ति की मौत हो गई। व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजनों ने यह कहते हुए हंगामा किया कि मौत से 2-4 मिनट पहले ही डाक्टरों की टीम आई। अगर डाक्टर आधा घंटा पहले आते तो रोगी राज कुमार निवासी कुरल (सुलह) को बचाया जा सकता था। मृतक राज कुमार (45) के बेटे अक्षय व निखल, बहन वीना देवी व साले हंस राज ने कहा कि किसी वरिष्ठ डाक्टर ने रोगी को नहीं देखा। 

परिजनों ने बताया कि राज कुमार को 5 दिसम्बर को पेड़ पर चढ़ते समय रंगड़ों ने काट लिया था जिसके बाद उसे पालमपुर अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे डा. राजेन्द्र प्रसाद मैडीकल कालेज टांडा रैफर कर दिया गया। पेड़ से गिरते समय राज कुमार की टांग की हड्डी भी टूट गई थी जिस कारण उसे आर्थो विभाग में 5 तरीख से दाखिल करवाया गया था। परिजनों का कहना है कि बार-बार डाक्टरों व नर्सों को बुलाने के बाद वे बड़ी मुश्किल से आए। उन्होंने कहा कि जो उनके साथ हुआ है किसी और के साथ न हो। डाक्टरों ने शव के पोस्टमार्टम करवाने की सलाह दी परंतु मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। वे बार-बार इस बात की मांग कर रहे थे कि इलाज में जो कोताही रही है उसकी जांच हो।

डाक्टरों की टीम ने देखा था मरीज : विनय 
 इस बारे में जब कालेज के मैडीकल अधीक्षक डा. विनय महाजन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 4:45 बजे उन्हें सूचना मिली कि रोगी को ब्राऊन रंग का पेशाब आ रहा है, जिस पर उसी समय मैडीसन विभाग के डाक्टर को बुलाया गया और उसकी किडनी के टैस्ट किए गए जिसकी रिपोर्ट आने के बाद लगा कि रोगी की किडनी फेल होने के आसार हैं। इसके साथ ही एनैस्थीसिया, सर्जरी, कान-नाक व गले के विभाग के डाक्टर की टीम ने आकर रोगी को देखा और अपनी ओर से बचाने का पूरा प्रयास किया। रोगी के गले में सोजिश भी आ गई थी। उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमार्टम करवाया जाए ताकि सारी सच्चाई सामने आ सके। डाक्टर महाजन ने बताया कि रोगी की जांच में सीनियर डाक्टर मानिक सहगल डाक्टरों की टीम में शामिल थे और यह कहना गलत है कि केवल जूनियर डाक्टरों ने राज कुमार को देखा है।