टाइगर हिल पर तिरंगा फहराते ही हिल गया था पाक, कारगिल की कहानी ब्रिगेडियर खुशहाल की जुबानी

Wednesday, Jul 04, 2018 - 12:38 PM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम शर्मा): कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना की ओर से 17,000 फुट ऊंची टाइगर हिल पर तिरंगा फहराते ही पाकिस्तान की कमर टूट गई। दुश्मन टाइगर हिल की चोटी पर था और वहां से दुश्मन सीधे श्रीनगर, द्रास, कारगिल व लेह मार्ग पर गोलाबारी कर बाधा पहुंचा रहा था। 4 जुलाई, 1999 का वह दिन आज भी हर भारतीय को याद है, जब 18 ग्रेनेडियर ने टाइगर हिल को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाकर वहां पर अपना तिरंगा फहराया था। टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए देश के करीब 44 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। 15 मई से लेकर 2 जुलाई तक 8 सिख के जवानों ने टाइगर हिल की घेराबंदी करके रखी, जिसके बाद टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने का जिम्मा 18 ग्रेनेडियर को दिया था। टाइगर हिल के लिए 18 ग्रेनेडियर ने करीब 36 घंटे आप्रेशन चलाया और इस पर तिरंगा फहराया। इनका नेतृत्व तत्कालीन कर्नल सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने किया था। 


खाने के सामान को कम कर भरा था असला-बारूद
खुशहाल ठाकुर का कहना है कि 18 ग्रेनेडियर की कमांडो टीम की अगुवाई कैप्टन बलवान सिंह ने की। 36 घंटे चले इस आप्रेशन के लिए 18 ग्रेनेडियर के जवानों ने अपने खाने के सामान को कम करके उस स्थान पर भी असला और बारूद भर लिया। इसको कब्जाने के लिए हवलदार योगेंद्र यादव ने लहूलुहान और बुरी तरह घायल होने के बावजूद दुश्मनों की कई चौकियों को तबाह कर दिया। इसी वीरता के लिए हवलदार योगेंद्र यादव को देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर से नवाजा गया। इनकी कमांडो टीम का नेतृत्व करने वाले कै. बलवान सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। टाइगर हिल पर तिरंगा फहराने के लिए कैप्टन सचिन और हवलदार मदन लाल को वीरचक्र से नवाजा गया। टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए चले 36 घंटे के आप्रेशन में 18 ग्रेनेडियर के 9 जवान शहीद हुए। कारगिल युद्ध में अदम्य साहस के लिए 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन कर्नल खुशहाल ठाकुर को युद्ध सेवा मैडल से नवाजा गया। 


बहुत कठिन थी टाइगर हिल की लड़ाई
वह बताते हैं कि इसकी लड़ाई बहुत कठिन थी। 17,000 फुट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी थी, सूखी और पथरीली सीधी चढ़ाई, दुश्मन चोटी पर था और छिपने के लिए एक घास का तिनका तक नहीं था। उन्होंने कहा कि जैसे ही टाइगर हिल पर भारतीय सेना ने तिरंगा फहराया तो पाकिस्तान की कमर टूट गई और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमरीका के राष्ट्रपति बिल क्विंटन के पास गए और उनसे बिना शर्त युद्ध विराम की गुहार लगाई लेकिन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि जब तक भारत की सीमा से घुसपैठियों को खदेड़ नहीं दिया जाएगा, तब तक युद्ध विराम नहीं होगा। इस युद्ध में पाकिस्तान के मेजर इकबाल और कै. कसाल शेर खान भी मारे गए थे।    

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