मोह को कम करने के लिए ग्रंथों का ध्यान करें : दलाईलामा

Saturday, Nov 26, 2022 - 10:55 PM (IST)

मैक्लोडगंज (सचिन): तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि मोह को कम करना है तो ग्रंथों का ध्यान करना चाहिए। जैसे-जैसे आप ग्रंथों का अभ्यास करेंगे, वैस-वैसे हमारे मन में कलेश खत्म होते जाएंगे। इससे भी ज्यादा खुद में मैं का भाव न आने दें। ये प्रवचन उन्होंने दक्षिण कोरिया से आए बौद्ध भिक्षुओं को टीचिंग के दूसरे दिन दिए। दलाईलामा ने कहा कि इस दुनिया में दूसरे बुद्ध के रूप में आचार्य नागार्जुन को माना जाता है और उन्होंने बुद्ध के शासन और दर्शन की बहुत अच्छी व्याख्या की है। इसलिए उनका स्थान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेरी तरह सभी ध्यान लगाया करें और अपने मन की आशक्ति को बाहर निकालें। 

मैं का भाव आगे बढ़ने में बाधा
दलाईलामा ने कहा कि मैं का भाव और मोह हमेशा आगे बढ़ने में बाधा बनता है। सभी का कर्तव्य सुख व शांति के लिए कार्य करें। दुनिया के हित के बारे में सोच सकते हैं तो जरूर सोचें। ऐसा न सोचें कि अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है। हम इस पृथ्वी के प्राणी हैं तो जितना हो सके उतना लोगों के हित और शांति के लिए काम करें। यह हम सभी की जिम्मेदारी भी है। 

दुखों को पकड़ कर रखने से सुख नहीं मिलता
दलाईलामा ने कहा कि दुखों को पकड़कर रखने से कभी सुख नहीं मिलता है। इससे दुख और बढ़ता ही जाएगा। इसलिए जितना हो सके शून्यता पर ङ्क्षचतन करें। हमारे ऐसे काम से मनुष्य के साथ-साथ जीव-जंतु भी सुखी रहेंगे। जब तक मेरा जीवन है, पृथ्वी के रहने वाले लोगों के सुखों पर काम करूंगा, ऐसा विचार होना चाहिए। धर्मगुरु ने बताया कि जब हमारे मन में स्वतंत्र रूप से कोई चीज नहीं है तो सब नाममात्र रह जाएगा और कुछ नहीं होगा। इससे पूर्व महामहिम ने अनुयायियों के ओर से आए हुए कुछ प्रश्नों के जबाव भी दिए।

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Content Writer

Vijay