New Year पर गुरु की नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब, गुरुद्वारे में नतमस्तक हुए हजारों श्रद्धालु

Tuesday, Jan 01, 2019 - 04:33 PM (IST)

पांवटा साहिब (रोबिन): नए साल के पहले दिन मंगलवार को गुरु की नगरी पांवटा साहिब के गुरुद्वारे में श्रद्धा का उमड़ पड़ा। यहां समूचे उत्तर भारत से श्रद्धालु पहुंचे हैं। नए साल के अवसर पर जहां लोग अपने नवजात बच्चों को लेकर गुरुद्वारे में पहुंचे हैं, वही कुछ ऐसे बुजुर्ग भी गुरुद्वारे में शीश नवाने पहुंचे हैं जिनका चलना-फिरना भी मुश्किल है। यहां पहुंचे श्रद्धालु बताते हैं कि गुरुद्वारे में शीश नवाने से साल भर के लिए नई ऊर्जा मिलती है, साथ ही उनकी मन्नतें भी पूरी होती हैं। उन्हें उम्मीद है कि साल के पहले दिन उनकी अरदास जरूर कबूल होगी।

यह है मान्यता

गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब समूचे विश्व में जाना जाता है और यह गुरुद्वारा करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। मान्यता यह है कि साल के प्रथम दिन यहां शीश नवाने, लंगर छकने और अरदास करने से जीवन में दुख दूर होते हैं और नई सुख-समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। हैरानी की बात यह है कि पांवटा साहिब गुरुद्वारे में सिख समुदाय से अधिक गैर-सिख समुदायों के लोग साल के प्रथम दिन अरदास करने पहुंचते हैं। इसका कारण गुरुओं के चरणों में लोगों की असीम श्रद्धा और सबकी मुराद पूरी करने वाले गुरुओं की कृपा है। यही कारण है कि न सिर्फ सिख श्रद्धालु बल्कि हिंदू समुदाय के लोग भी दूरदराज क्षेत्रों से यहां माथा टेकने आते हैं और मन की मुरादें पाते हैं।

लंगर घर में नहीं रही पैर रखने की जगह

हर वर्ष की तरह इस बार भी गुरु के चरणों में शीश नवाने के लिए हिमाचल सहित पंजाब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारे में भी लंगर सहित हर प्रकार के विशेष आयोजन किए गए हैं। लंगर घर में तो हालात ये हैं कि सुबह से लगातार लंगर चल रहा है लेकिन फिर भी यहां पैर रखने को जगह नहीं है। अनुमान है कि इस बार 60 हजार से अधिक श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुंचेंगे। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरभजन सिंह ने बताया कि इस बार पिछली साल से कहीं अधिक श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल इजाफा हो रहा है।

Vijay