मंडी से यूथ आइकॉन बनकर उभरा ये नौजवान, अब तक संवार चुका है कई गरीब बच्चों का भविष्य

Saturday, Aug 25, 2018 - 07:28 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश): मंडी जिला के एक छोटे से गांव पलौहटा से संबंध रखने वाले नंद लाल ठाकुर के बेटे प्रवीण ठाकुर पढ़ाई के साथ-साथ एक समाजसेवी बनकर भी उभरकर सामने आए हैं। वह विद्यार्थी जीवन से ही समाज में ऐसे बच्चों को तराशने और उनका भविष्य संवारने के लिए आगे आए हैं, जिनके आड़े धन की कमी आई है। विद्यार्थी जीवन से ही इन बच्चों की पीड़ा को समझते हुए प्रवीण ठाकुर ने एक संस्था का निर्माण वर्ष २०१३ में समर्पण संस्था के नाम से किया और उस दिन से लेकर आज दिन तक पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस दौरान प्रवीण ठाकुर एन.आई.टी. हमीरपुर में मैकेनिकल में बी.टैक. कर रहे थे। वहां पर उन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके स्कूल की फीस वहन करने का बीड़ा भी अपनी जेब खर्च से ही करके मदद की है।

आई.आई.टी. खडग़पुर में किया सार्थ संस्था का गठन
इतना ही नहीं, खडग़पुर में चयन होने के बाद आई.आई.टी. खडग़पुर में भी प्रवीण ठाकुर ने अपनी यह मुहिम समाजसेवा के भाव से जारी रखी और ग्राम विकास के लिए २०१६ में वहां पर सार्थ संस्था का गठन किया। तेजस्वी विद्यार्थियों के शिक्षा में सेवा करने के लिए बाधा बन रही आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने अपने खर्चे से ही वहां के गरीब बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया और उनके उत्थान के लिए आगे आए।

सुंदरनगर कॉलेज में भी की कई आर्थिक तौर पर कमजोर लड़कों की मदद
जवाहर लाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर में भी आर्थिक तौर पर कमजोर कई लड़कों की फीस देकरउनकी मदद की और उनके हाथों को पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए मजबूत किया। इसके अलावा आई.आई.टी. खडग़पुर में मैकेनिकल में एम.टैक. के दौरान वहां पर स्थित अनाथालय में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी आर्थिक तौर पर भी नियमित तौर पर मदद करते हैं। वर्तमान में सरस्वती विद्या मंदिर में अध्ययनरत आधा दर्जन के करीब बच्चों की भी नियमित तौर पर स्कूल फीस चुकता करने का बीड़ा उठा रखा है।

क्या कहते हैं प्रवीण ठाकुर
दिल्ली में पीएच.डी. कर रहे प्रवीण ठाकुर का मानना है कि अगर बचपन से ही जो बच्चे इस समस्या से जूझ रहे हैं, उनकी उंगली पकड़ ली जाए तो वे आगे चलकर राष्ट्रीय हित में एक कारगर कदम साबित होगा। उनका मानना है कि अगर समर्पण भाव से इस ओर कोई ध्यान दे तो देश में कोई भी बच्चा गरीब नहीं रहेगा और पढ़ाई से वंचित नहीं रहेगा लेकिन इस तरह की दूरगामी सोच बनाने के लिए स्वयं के सैद्धांतिक नियमों पर चलना जरूरी है, जिससे देश और राष्ट्र की उन्नति संभव है।

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व दे सकता है टिकट
दूसरी ओर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी गुजरात मॉडल की तर्ज पर इस बार के लोकसभा चुनावों में आई.आई.टी. व आई.आई.एम. समेत ऐसे यूथ आइकॉन को आगे लाने और सेवा भाव से राजनीति से जुड़ने वालों को टिकट देने में तवज्जो देने की बात कही है जोकि धरातल पर लागू होगी तो वह देश और राष्ट्र के हित में एक नई खुशहाली और समृद्धि लेकर आएगी। जिनका जज्बा बचपन से ही सेवाभाव और नि:स्वार्थ रूप से समाज के लिए समर्पित हो तो अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी मेहनत आगे जाकर क्या रंग लाएगी। यह तस्वीर भविष्य में एक स्वर्ण राष्ट्र की उन्नति में कारगर कदम सिद्ध होगी।

Vijay