विनोद खन्ना के निधन से शोक में डूबा हिमाचल का ‘यह’ गांव, लोग ऐसे देंगे श्रद्धांजलि

Sunday, Apr 30, 2017 - 07:05 PM (IST)

कुल्लू: हिंदी सिनेमा के अभिनेता और भाजपा के नेता विनोद खन्ना के निधन से मनु की नगरी मनाली भी गमगीन है। हिमालय पुत्र फिल्म की अधिकतर शूटिंग मनाली और बड़ाग्रां में हुई है। आज भी बड़ाग्रां के लोग विनोद खन्ना को याद करते हैं। हालांकि बीमारी के दौरान उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए इसी गांव से दुआओं के लिए हाथ उठे थे लेकिन दुआएं रंग नहीं लाईं और विनोद खन्ना की सिर्फ अब इस गांव में यादें ही शेष रह गईं। 



यहां से शुरू हुआ था अक्षय खन्ना का फिल्मी सफर
फिल्म हिमालय पुत्र के दौरान बड़ाग्रां और मनु की नगरी मनाली से विनोद खन्ना ने अपने बेटे अक्षय खन्ना को लांच किया था। इसी फिल्म के सिलसिले में विनोद खन्ना 3 माह से अधिक समय तक बड़ाग्रां में ही रहे थे। बाकायदा वह रोज यहां की माता सिंघासनी के चरणों में शीश नवाकर शूटिंग आरंभ करते थे।

3 महीने तक कई जिलों के लोगों ने डाल रखा था डेरा
बुजुर्ग बताते हैं कि वह आत्मीयता के साथ उनसे बतियाते थे। फिल्म की शूटिंग के उपरांत वह बड़ाग्रां की वादियों को देखने के लिए ग्रामीणों के साथ जाते थे। फिल्म की सिने तारिका हेमा मालिनी की एक झलक पाने के लिए उन दिनों बड़ाग्रां में दर्शकों का जमघट लगा रहता था। 3 महीने तक हिमाचल के कई जिलों के लोग सितारों की एक झलक पाने के लिए बड़ाग्रां में डेरा डाले हुए थे।  

7 दिन तक एक समय का भोजन न करने का बनाया मन
बड़ाग्रां निवासी लाल चंद मियां, सुभाष कपूर, नितिन नेगी, राकेश कंवर व सुनील नेगी का कहना है कि विनोद खन्ना का इस गांव से गहरा नाता रहा है। जैसे ही वीरवार को बड़ाग्रांवासियों को विनोद खन्ना के निधन की खबर मिली तो सारे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। नितिन नेगी ने बताया कि उनके गांव में कई लोगों ने सोमवार से 7 दिन तक एक समय का भोजन न करने का मन बनाया है। 

अधिकतर लोगों के नाम थे जुबानी याद
एक तरह से बड़ाग्रां के ग्रामीण उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनके साथ बिताया हुआ 3 महीने से अधिक का समय उनके लिए आज सुनहरी यादों से कम नहीं है। वह ग्रामीणों के साथ इतने घुलमिल गए थे कि उन्हें अधिकतर लोगों के नाम तक जुबानी याद थे। वह स्थानीय व्यंजन के भी शौकीन हो गए थे।