इस बार बजट सत्र कांग्रेस सरकार के लिए नहीं होगा आसान

Tuesday, Feb 28, 2017 - 11:53 AM (IST)

शिमला (पत्थरिया): चुनावी वर्ष में हो रहे 12वीं विधानसभा के अंतिम बजट सत्र में विपक्षी दल भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ किसी भी मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहती है। इसका पता भाजपा विधायकों की ओर से विधानसभा सचिवालय में पहुंच रहे प्रश्नों और विभिन्न नियमों के तहत मिलने वाले प्रस्तावों से चलता है। 1 मार्च से 7 अप्रैल तक चलने वाला यह बजट सत्र कांग्रेस सरकार के लिए आसान नहीं होगा। भले ही सरकार बनने से लेकर आज तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा द्वारा मांगी जा रही चर्चा को बार-बार सदन में टाला जा चुका है लेकिन इस बार भाजपा भी नियमों की परिधि में रहकर अपने प्रश्नों सहित राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर होने वाली चर्चाओं के माध्यम से कांग्रेस सरकार को घेरने का मन बना चुकी है।


इस बार भाजपा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेर सकती है
भाजपा विधायकों की ओर से कांग्रेस सरकार के खिलाफ अब तक राज्यपाल को सौंपी गई विभिन्न चार्जशीटों पर हुई कार्रवाई के बारे में प्रश्न विधानसभा सचिवालय को भेजे गए हैं। जाहिर है कि भाजपा इस बार सदन के अंदर ऐसे प्रश्नों के माध्यम से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेर सकती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा की जा रही सरकारी संस्थानों को खोलने की घोषणाओं तथा धर्मशाला को दूसरी राजधानी घोषित करने जैसे विषयों पर भी कुछ प्रश्न विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा 14वें वित्तायोग में त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली में सभी को बजट का हिस्सा तय न होने बारे भी विपक्ष द्वारा सरकार को घेरा जा सकता है। 


बजट सत्र में प्रश्न भेजे जाने की अंतिम तिथि 22 मार्च तक
विधानसभा सचिवालय में अभी तक कुल 561 प्रश्न विधायकों द्वारा भेजे गए हैं जिनमें से 396 तारांकित और 165 अतारांकित प्रश्न हैं। विधायकों द्वारा 254 प्रश्न ऑनलाइन भेजे गए हैं। नियम 62 के तहत आवारा कुत्तों की समस्या तथा नियम 130 के तहत बेसहारा पशुओं की समस्या बारे चर्चा के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं जबकि नियम 101 के तहत केवल 3 प्रस्ताव ही अभी तक विधानसभा सचिवालय को मिले हैं। बजट सत्र की अवधि लंबी होने के कारण विधायकों द्वारा प्रश्न भेजे जाने की अंतिम तिथि 22 मार्च तक है। 


पक्ष और विपक्ष सदन चलाने में करें सहयोग: स्पीकर
विधानसभा  के स्पीकर बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि यह 12वीं विधानसभा का आखिरी बजट सत्र है और सत्र की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने के लिए पक्ष और विपक्ष का सहयोग अपेक्षित है। नियमों की सीमा में रहकर मैंने हरेक सदस्य को बोलने का मौका दिया है लेकिन न्यायालय में लंबित मामलों पर सदन के अंदर चर्चा नहीं हो सकती है। इस बजट सत्र में कुल 21 बैठकें होंगी और 10 मार्च को मुख्यमंत्री वित्त वर्ष 2017-18 के बजट अनुमान पेश करेंगे। 18 से 26 मार्च तक अवकाश रहेगा और इस दौरान विधानसभा की कमेटियां बजट अनुमानों का अवलोकन करेंगी। 27 से 30 मार्च तक बजट पर चर्चा होगी और 30 मार्च को बजट पारित किया जाएगा।