इस बार चुनाव में महिलाओं का रहेगा दबदबा

Wednesday, Apr 19, 2017 - 09:05 AM (IST)

शिमला: नगर निगम शिमला के चुनाव में इस बार महिलाओं का दबदबा रहेगा। इसका प्रमुख कारण महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण यानी 34 में से 17 वार्डों का आरक्षण होना है। ऐसे में अनुसूचित जाति (एस.सी.) के लिए मेयर का पद आरक्षित होने के बावजूद महिलाओं को इसका प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मेयर जैनी प्रेम इस पद की प्रबल दावेदार हैं, जो महिलाओं के लिए आरक्षित अनाडेल वार्ड से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। इसके अलावा नाभा वार्ड विशेष तौर पर एस.सी. महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में समीकरणों के बदलने से इस वार्ड से पहली बार चुनाव जीतकर आने वाली महिला भी मेयर पद के दावेदारों में से एक हो सकती है।


वीरभद्र के जाखू वार्ड में 50.27 फीसदी महिलाएं
मौजूदा समय में समरहिल व जाखू वार्डों में ही सबसे अधिक महिलाओं की संख्या होने के बावजूद ये वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार यहां पर कुल आबादी का 54.03 फीसदी महिलाएं हैं। ये वार्ड हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का हिस्सा हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के जाखू वार्ड में 50.27 फीसदी महिलाएं हैं, जिसे देखते हुए इस वार्ड को भी महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है। शिमला के सबसे व्यस्ततम स्थानों में से एक लोअर बाजार में सबसे कम 34.73 फीसदी आबादी महिलाओं की है, जिस कारण इस वार्ड को सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित रखा गया है। 


इस बार 17 महिलाएं होंगी मैदान में 
चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शिमला के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। जनता द्वारा चुनी गईं महिला पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में विकास किया है, जिससे महिलाओं का सम्मान बढ़ा है और शहर का विकास हुआ है। आरक्षण के चलते नगर निगम के 25 वार्डों में से 13 वार्डों में महिलाएं जीत कर आई हैं लेकिन अब मई में होने वाले नगर निगम चुनाव में महिलाओं की भागीदारी और भी बढ़ जाएगी यानी अब वार्डों की संख्या 25 से बढ़ कर 34 हो गई है, ऐसे में शहर के 17 वार्ड महिलाओं के आरक्षित होंगे। इन वार्डों में महिलाओं की सरदारी चलेगी। मौजूदा समय में शहर के विभिन्न 13 वार्डों में महिला पार्षद हैं, जिनके कार्यकाल में वार्डों का विकास हुआ है। इन महिला पार्षदों का कहना है कि आरक्षण के चलते ही हमें आगे आने का अवसर मिला है और हमने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी पुरुषों के समान विकास कर सकती हैं। 


अब 25 से बढ़ कर 34 हो गई है वार्डों की संख्या
चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शिमला के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। जनता द्वारा चुनी गईं महिला पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में विकास किया है, जिससे महिलाओं का सम्मान बढ़ा है और शहर का विकास हुआ है। आरक्षण के चलते नगर निगम के 25 वार्डों में से 13 वार्डों में महिलाएं जीत कर आई हैं लेकिन अब मई में होने वाले नगर निगम चुनाव में महिलाओं की भागीदारी और भी बढ़ जाएगी यानी अब वार्डों की संख्या 25 से बढ़ कर 34 हो गई है, ऐसे में शहर के 17 वार्ड महिलाओं के आरक्षित होंगे। इन वार्डों में महिलाओं की सरदारी चलेगी। मौजूदा समय में शहर के विभिन्न 13 वार्डों में महिला पार्षद हैं, जिनके कार्यकाल में वार्डों का विकास हुआ है। इन महिला पार्षदों का कहना है कि आरक्षण के चलते ही हमें आगे आने का अवसर मिला है और हमने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं भी पुरुषों के समान विकास कर सकती हैं।