रहस्यों से भरा है ‘महाभारत के गवाह’ का यह मंदिर, यहां से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता(PICS)

Friday, Jun 14, 2019 - 11:12 AM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल प्रदेश में दुनिया का सबसे अनोखा और रहस्यमयी मंदिर कमरूनाग का है। यह लगभग 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में हर साल आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी होती है। 14 ,15 जून को यहां मेला लगता है जिसमें हजारों संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। यह धार्मिक स्थल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां ऊंचे-ऊंचे देवदार के पेड़ और हरी भरी पहाड़ियां श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है। 

बता दें कि मंदिर के समीप एक अनोखी झील है जहां पर मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु सोने- चांदी के जेवर और सिक्के चढ़ाते हैं। यह परंपरा पांडवों के समय की चली आ रही है। कहा जाता है कि जब पांडव देव कमरुनाग से मिलने आए थे तो उन्होंने भी सोने-चांदी के गहने इस झील में अर्पित किए थे। इस अद्भुत झील का निर्माण भी पांडवों ने किया है। जब पांडव देव कमरुनाग से मिलने आए थे तो देव कमरुनाग ने कहा कि उसे प्यास लगी है। तब भीम ने धरती पर वार किया और अपने हाथ से पानी की झील प्रकट की। साथ ही जाते समय सारा सोना-चांदी अपना इसी झील में डाल दिया। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है।

इस झील में करोड़ों-अरबों का खजाना है लेकिन कोई भी इसे निकाल नहीं सकता। कहते हैं कि इच्छाधारी नाग इस खजाने की रक्षा करते हैं। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस क्षेत्र में ज्यादातर सांप की तरह दिखने वाले छोटे-छोटे पौधे मिलते हैं जो बिल्कुल सांप की तरह नजर आते हैं। देव कमरुनाग का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। श्री कृष्ण ने कमरूनाग से उसका सिर मांग लिया था और देव कमरुनाग इच्छा के अनुसार महाभारत का युद्ध देखना चाहता था। एक ऊंची शिला पर उसे स्थापित कर दिया। कमरूनाग झील के रहस्यों को जान आप भी हैरान हो जाएंगे।

Ekta