CM Office में स्थापित होगा ये Squad, निर्माण क्वालिटी पर रखेगा Check

Wednesday, Jul 11, 2018 - 07:19 PM (IST)

शिमला: राज्य सरकार प्रदेश में सड़कों, पुलों तथा अन्य सरकारी भवनों के निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित बनाने के लिए तीसरे पक्ष द्वारा निरीक्षण के लिए एक तंत्र सृजित कर मुख्यमंत्री कार्यालय में एक स्वतंत्र गुणवत्ता जांच दल स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहां जी.एस.टी. के कार्यान्वयन तथा लोक निर्माण विभाग में कार्य संविधा (ठेकों) पर इसके प्रभाव को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परियोजनाओं के पूरा होने में किसी प्रकार के विलंब व गुणवत्ता के साथ समझौते को लेकर कड़ा संज्ञान लेगी। सरकार दोषी ठेकेदारों तथा निर्माण एजैंसियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार एक योजना आरंभ करने के बारे में भी विचार कर रही है, जिसके अंतर्गत कार्यान्वयन एजैंसियों को तय समयावधि से पूर्व परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ठेकेदारों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होगी बल्कि परियोजनाओं की लागत में वृद्धि पर भी अंकुश लगेगा।


लोक निर्माण विभाग का बड़े पैमाने पर होगा ऑटोमेशन
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग का बड़े पैमाने पर ऑटोमेशन किया जाएगा ताकि निर्माणाधीन परियोजनाओं के अनुश्रवण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके। गुणात्मक निर्माण सामग्री सुनिश्चित बनाने तथा ठेकेदारों को राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि सीमैंट को छोड़कर ठेकेदार स्वीकृत निर्माण सामग्री का बाजार से स्वयं प्रबंध करेंगे। ठेकेदारों द्वारा वांछित सामग्री को समझौता दरों के आधार पर अनुपातित बाजार दरों पर जारी किया जाएगा तथा भंडार से जारी सामग्री पर ठेकेदारों को किसी प्रकार का इनपुट टैक्स क्रैडिट इत्यादि नहीं दिया जाएगा।


जी.एस.टी. से जुड़े मामलों को लेकर होगा समिति का गठन
निर्माण स्थल से निकाले गए मलबे का उपयुक्त उपयोग कर पर्यावरण को पहुंचने वाले नुक्सान को कम करने के लिए सरकार ने इंजीनियर प्रभारी की संतुष्टि के अनुसार ठेकेदारों को निर्माण उद्देश्य के लिए सामग्री का उपयोग करने के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को दिए गए कार्यों से संबंधित निर्माण स्थलों पर ठेकेदार निर्माण कार्य से निकले मलबे का पुन: उपयोग करने के लिए क्रशर का उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जी.एस.टी. लागू होने के उपरांत ठेकेदारों से जुड़े विभिन्न मामलों के प्रति सहानुभूति रखती है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जो शीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।


भू-स्खलन संभावित स्थलों को चिन्हित करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भू-स्खलन संभावित स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए, जिसमें विशेषकर वर्षा ऋ तु के दौरान होने वाले भू-स्खलन शामिल हैं। इन स्थानों पर पर्याप्त कर्मी तथा मशीनरी भी तैनात की जानी चाहिए, ताकि भू-स्खलन की स्थिति में यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण मनीषा नंदा, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी, प्रधान सचिव उद्योग आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान जे.सी. शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आर.पी. वर्मा, ठेकेदार तथा लोक निर्माण विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।

Vijay