आतंकियों से आज भी लड़ने को तैयार है भारतीय सेना का ये जांबाज सैनिक

Friday, Mar 29, 2019 - 05:42 PM (IST)

हरोली: विधानसभा हरोली के गांव ईसपुर से संबंधित भारतीय सेना का जांबाज सैनिक देवेंद्र कुमार अपना इलाज करवाने के बाद घर पहुंच गया है। इसकी सूचना मिलते ही देवेंद्र से मिलने व उनका कुशलक्षेम जानने के लिए कई लोग उनके घर पहुंच रहे हैं। 17 फरवरी को पुलवामा क्षेत्र में आतंकियों से मुठभेड़ के बाद घायल हुए देवेंद्र कुमार का चंडीगढ़ स्थित सैनिक अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां से उन्हें वीरवार को छुट्टी मिल गई।

गोली लगने की वजह से चली गई आंख की रोशनी

पंजाब केसरी से खास बातचीत में 27 वर्षीय देवेंद्र ने बताया कि 17 फरवरी को उनकी सैनिक टुकड़ी का दल जब आतंकियों के छुपे होने पर सर्च ऑप्रेशन पर था तो वहां पर गोलीबारी शुरू हो गई। देवेंद्र ने बताया कि वहां पर पुलवामा बम कांड का मुख्य आरोपी अपने साथियों संग छुपा बैठा था। गोलाबारी के दौरान मुख्य आतंकी सरगना और उसके 2 अन्य साथियों को वहां पर मार गिराया लेकिन एक गोली उनके सिर पर लगी बुलेटप्रूफ कैप से लगकर सीधे उसकी आंख में चली गई और फिर उन्हें तुरन्त इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां पर उनका एक ऑप्रेशन किया गया और 19 फरवरी को उन्हें चंडीगढ़ स्थित सैनिक अस्पताल में भेजा गया। वहां पर उनका दूसरा ऑप्रेशन किया गया। 19 फरवरी से लेकर 28 मार्च तक अपना इलाज करवाने के उपरांत देवेंद्र वीरवार को अपने घर पहुंचे। इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा कि गोली लगने की वजह से उसकी आंख की रोशनी चली गई है।

आज भी आतंकियों के साथ दो-दो हाथ करने का जज्बा

देवेंद्र ने कहा कि वह आज भी देश भक्ति का इतना जज्बा रखते हैं कि वह फील्ड में जाकर आतंकियों के साथ दो-दो हाथ कर सकते हैं। पिछले वर्ष दिसम्बर माह में देवेंद्र के साथ शादी के सूत्र में बंधी कंचन का कहना है कि उसे अपने पति की बहादुरी पर पूरा मान है। उन्होंने अपने देश की खातिर इस तरह अपनी जान तक कि परवाह किए बगैर आतंकियो को ढेर करने में अपनी भूमिका निभाई है।

Vijay