यह सीनियर सिटीजन कर रही गरीब विद्यार्थियों के सपने पूरे

Monday, Jul 24, 2017 - 02:55 PM (IST)

हमीरपुर: हमीरपुर में बड़ी-बड़ी इमारतें एक आम बात है परंतु यहां पर रहने वाले सीनियर सिटीजन के दिल और काम उतने ही बड़े हैं। इस शहर के सीनियर सिटीजन कौंसिल की स्थापना यहां पर रहने वाले सीनियर सिटीजन के द्वारा ही की गई। इतना ही नहीं उनके द्वारा किए जा रहे दान धर्म के कार्यों से ही यह फल-फूल रही है। कौंसिल के धर्मार्थ कार्यों की सूची बनाई जाए तो शायद शब्द कम पड़ जाएं। कौंसिल द्वारा मेधावी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को लेकर एक सपना संजोया गया तथा फ्री हॉस्टल की बुनियाद रखी गई। जहां पर मेधावी छात्र उनके माता-पिता की स्वीकृति से रहते और पढ़ते हैं। यहां जरूरतमंद बच्चों को आश्रय के साथ-साथ उनके भविष्य को सुरक्षित रखने में भी अहम भूमिका निभाई जाती है। अपने देखे हुए सपने को पूरा करने में कौंसिल के सदस्य भरसक प्रयास कर रहे हैं। यहां काम करने वाले सदस्य लगभग 70 साल के आयु वर्ग में आते हैं परंतु काम के प्रति उनकी सूझ-बूझ बड़े से बड़े कर्मचारी को मात दे सकती है। 


मेधावी छात्रों के रहने, खाने तथा पढ़ने का पूरा जिम्मा उठाती है सीनियर सिटीजन कौंसिल
इस काम से न जाने कितने ही छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हुआ है और न जाने कितने ही छात्रों की सोच को पंख लगे हैं। सीनियर सिटीजन कौंसिल द्वारा वर्ष 2002 में फ्री हॉस्टल की नींव रखी गई तथा वहां पर सब सुविधाएं सुनिश्चित करने के बाद बच्चों का पालन-पोषण शुरू किया गया। यहां पर रहने वाले बच्चों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता है तथा उनके खाने, रहने, पढ़ने तथा स्वास्थ्य का पूरा जिम्मा कौंसिल उठाती है। यहां पर बच्चों को कपड़ों से लेकर हर किताब, हर कापी उपलब्ध करवाई जाती है। वर्तमान समय में हॉस्टल में कुल 11 बच्चे रहते हैं। फ्री हॉस्टल में छठी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को ही रखा जाता है। 


अच्छे पदों और शिक्षण संस्थानों में हैं यहां से निकले बच्चे
फ्री हॉस्टल में रहने वाले और कौंसिल की सहायता से शिक्षा हासिल करने वाले बच्चों में से कोई प्रोफैसर के पद पर कार्यरत है तो कोई फौज में लैफ्टिनैंट जैसे पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में तो न जाने कितने ही छात्रों को काऊंसिल के द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया है। वर्तमान समय में फ्री हॉस्टल का छात्रा होटल मैनेजमैंट के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है। अच्छा करने की सोच और अच्छा काम करने के अलावा कौंसिल इन छात्रों से कुछ नहीं चाहती उनको उनके लक्ष्य तक पहुंचाना ही कौंसिल का एक मूल उद्देश्य है।