चंबा के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इकलौते चिकित्सक के सहारे 80,000 की आबादी

Monday, Jan 29, 2018 - 04:45 PM (IST)

चंबा (विनोद): चंबा को हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा एस्पिरेशन जिला की सूची में शुमार किया गया है। अंग्रेजी का यह शब्द भले लोगों को गौरवान्वित करने का आभास करवाता है। लेकिन सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह देश के उन 115 जिलों की सूची में शुमार हुआ है जोकि विकास की दृष्टि से देश के अन्य जिलों के मुकाबले बेहद पिछड़े हुए हैं। सरकारी आंकड़ों ने यह पोल खोलकर रख दी है कि जिला चंबा प्रदेश के 12 जिलों में सबसे पिछड़ा हुआ है। एक समय था जब प्रदेश में पिछड़े जिलों की सूची में चम्बा व सिरमौर जिला शामिल थे लेकिन सिरमौर ने विकास की दृष्टि से चंबा को पीछे धकेल दिया है। यानी यह अब प्रदेश का इकलौता ऐसा जिला है जोकि विकास की दृष्टि से बेहद पिछड़ा हुआ है। इस पिछड़ेपन का मूल्यांकन जब सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य की दृष्टि से किया गया तो यह स्वास्थ्य सेवाओं में भी पिछड़ा हुआ पाया गया। यहां के कई स्वास्थ्य खंड चिकित्सकों के साथ पैरामैडीकल स्टाफ को तरस रहे हैं। इसी सूची में भरमौर विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आना वाला स्वास्थ्य खंड चूड़ी भी शामिल है।


कहां जाते हैं लोग
चूड़ी स्वास्थ्य केंद्र में चल रही स्टाफ की कमी के कारण इसके  दायरे में आने वाले गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को 50-60 किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है। 


बैड तो हैं लेकिन रोगियों को भर्ती कौन करे
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चूड़ी में रोगियों को भर्ती करने के लिए 9 बैड तो लगाए गए हैं लेकिन 3 चिकित्सकों में से एक ही चिकित्सक का पद भरा होने के चलते शाम 5 बजे के बाद किसी को भी यहां भर्ती नहीं किया जाता है। खंड चिकित्साधिकारी का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा है। इस पद को कार्यवाहक स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में भरकर खानापूर्ति अवश्य की गई है। यहां एक डैंटल सर्जन का पद तो है लेकिन डैंटल सर्जन की तैनाती नहीं हुई है। रिसैप्शनिस्ट के साथ एक ऑफ्थैल्मिक का पद भी रिक्त चला हुआ है। यानी इस पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और इसके दायरे में आने वाली 85,000 की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा यहां तैनात इकलौते चिकित्सक पर है।