जज्बे को सलाम: इस खिलाड़ी ने एक टांग से खतरनाक रोड को पार कर लोगों को किया हैरान

Wednesday, Jun 20, 2018 - 01:36 PM (IST)

सिरमौर: कहते हैं कि हौसले बुलंद हो तो मंजिल खुद कदम चूम लेती है। ऐसा ही एक मौजूद इरादों के फौलादी हौसले का दूसरा नाम है रघुवीर सिंह। वायु सेना में बतौर सार्जेट रहने के दौरान 1979 में एक हादसे में एक टांग गवाने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अब उन्होंने एक टांग से दुनिया में 29 हजार किलोमीटर चलकर दूसरी दुनिया में नया कीर्तिमान बनाने का सपना संजोया है। सोमवार को अंबाला के ग्राम कोडवाकला निवासी रघुवीर (63) ने कहा कि दिल व दिमाग में सकारात्मक सूचना सोच जरूरी है। 1979 हादसे के बाद एक टांग को हमेशा के लिए खो दिया। युवा अवस्था कबड्डी व हॉकी का बेहतर खिलाड़ी रहने के बावजूद भी वह कुछ नहीं कर सकते थे। 


आर्मी हस्पताल में उपचार के दौरान ऐसा जज्बा पैदा हुआ कि दुनिया में अपंग व असहाय बनकर नहीं रहना चाहते थे। हादसों के बाद भी कड़ी मेहनत कर अपना बेहतर कारोबार चला रहे हैं। वह 2017 में एक टांग से अंबाला से पुणे तक 1744 किलोमीटर की दूरी केवल 35 घंटे तय की। इसके बाद इंडिया बुक ऑफ लीडर के नाम दर्ज करवाया था। कई मोर्चों पर सम्मानित हो चुके हैं। रघुवीर कहते हैं कि अब वह कार वर्ल्ड टूर सिंगापुर इंडिया टूर पर कार से निकलेंगे। प्रदेश में अलग कमेटी व सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर बेहतर जीवन के लिए प्रेरित करेंगे। 


इस अवसर पर उन्होंने साथी पांवटा कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष चंद्रभान ठाकुर वर्ग भी चौहान मौजूद रहे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस दुनिया में जितने भी अपंग व असहाय लोग हैं उनको अपने साथ मिलाकर कार्य शुरू करेंगे। जब हमारी टीम ने पांवटा से रेणुका मार्ग पर उनका टेस्ट लिया तो वहां के लोग सी जगह मिले तो हैरान चकित हो गए कि ऐसा भी दुनिया में हो सकता है। रोड पर बड़े-बड़े पायलट फेल हो जाते हैं यह उस रोड पर अपना ड्राइविंग टेस्ट पास करवा रहे हैं। इसके बाद जब हमारी टीम ने सतोन से कमरउ पहाड़ी रोड पर गाड़ी कार का टेस्ट लिया तो वहां के लोग हैरान हो गए कि इस खतरनाक रोड पर लोगों को रोड की दशा देख कर भी डर लगता है, जबकि रघुवीर ने अपना हौसला बुलंद रख कर यह रोड भी पार किया।इस रोड की दशा इतनी खराब है कि पिछले 1 साल में भी 10-15 एक्सीडेंट हो चुके हैं जो कि एक एक्सीडेंट होने के कारण मृत घोषित पाए गए। 


पहाड़ी क्षेत्र के माइन रोड पर टिप्पर के अलावा कोई भी छोटा वाहन माइनिंग रोड पर नहीं चला सकता, लेकिन जब रघुवीर का इस रोड पर टैस्ट लिया गया तो 20 साल से जो ड्राइवर वहां पर गाड़ी चला रहे थे। वह सब हैरान चकित हो गए कि ऐसा कैसे हो सकता है और उन्होंने अपने अपने वाहन उन्हें चलाने के लिए दिए और उसमें भी रघुवीर ने अपना हौसला बंद करके उन वाहनों को भी इस माइन पर चलाया और उन्हें हैरान कर दिया। उसके बाद तिब्बतियों के फेमस ड्राइवर ने भी उनका कार चलाने का अंदाज देखकर कहा कि जो आज तक सभी लोग असंभव मानते थे। आज रघुवीर ने संभव करके दिखाया है। 

Ekta