भारत का यह धाकड़ बल्लेबाज पहुंचा हिमाचल, बोला- आज इस शख्स की वजह से जिंदा हूं मैं

Wednesday, Oct 04, 2017 - 03:55 PM (IST)

सोलन: भारत के धाकड़ बल्लेबाज युवराज सिंह ने हिमाचल के शू‌लिनी यूनिवर्सिटी पहुंचकर अपने जिंदगी से जुड़े कई राज छात्रों के साथ साझा किए। दरअसल वह यहां यूवीकैन फाऊंडेशन का एक ऑफ साइट सैंटर लांच करने के लिए आए हुए थे। यह सैंटर शूलिनी के उन छात्रों के सहयोग से शुरू किया गया है जो यूवीकैन से साथ मिलकर कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहा रहा है। युवराज ने इस अवसर पर कैंसर रोग से ठीक हो चुके लोगों और उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना को भी शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप के बाद वह अपनी खुशियां भी पूरी तरह से मना नहीं पाए थे। बाद में कैंसर से लड़ने में डॉक्टरों ने तो उनकी मदद की लेकिन एक शख्स ऐसी थी जो हर वक्त उनका हौसला बढ़ाती रही। युवराज ने बताया कि यह उनकी मां थी जो इस जरूरत के वक्त में उनके साथ थी। कैंसर जैसी बीमारी से जल्द ठीक होने में मां की मदद और आशीर्वाद सबसे ज्यादा अहम था। इसके अलावा खिलाड़ी की कभी न हार मानने की भावना और देश के लोगों का प्यार कैंसर से रिकवरी करने में मददगार रहा।


वि.वि. में दिया गुरु सीरीज लैक्चर
युवराज ने विश्वविद्यालय के ‘गुरु सीरीज लैक्चर’ में छात्रों और संकाय की सभा को संबोधित किया। लैक्चर में उन्होंने अपने कैरियर, कैंसर से लडऩे और यूवीकैन के माध्यम से कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के अपने सपने पर विचार सांझा किए। उन्होंने शूलिनी के उन छात्रों से भी बातचीत की जो यूवीकैन के साथ स्वयं सेवा करते हैं। ये छात्र अपने सोशल प्रोजैक्ट में पिछले कुछ वर्षों से सोलन और आसपास के गांवों में कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। ये छात्र कैंसर रोग की शीघ्र पहचान के लिए जागरूकता शिविर, रैलियों और नुक्कड़ नाटक का आयोजन करते आए हैं। शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफैसर पी.के. खोसला ने इस मौके पर उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए शानदार दिन है क्योंकि युवराज जैसे यूथ आइकन ने छात्रों और संकाय के साथ अपने अनुभव सांझा किए। 


क्या है यूवीकैन फाऊंडेशन
यूवीकैन फाऊंडेशन, एक गैर-लाभकारी धर्मार्थ संगठन है, जो 2012 के तहत क्रिकेटर युवराज सिंह द्वारा शुरू किया गया है। कैंसर का निदान हो जाने के बाद युवराज सिंह ने अमरीका में लिवस्ट्रांग फाऊंडेशन से प्रेरणा ली और कैंसर के खिलाफ लड़ाई व उसकी रोकथाम की दिशा में सक्रिय कदम उठाए। यह संस्था कैंसर रोगियों और सही उपचार से वंचित लोगों के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रही है। 


भारत में चैरिटी से पैसा जुटाना मुश्किल 
युवराज के अनुसार भारत में चैरिटी के लिए पैसा जुटाना मुश्किल होता है क्योंकि सभी लोग किसी न किसी संस्था के साथ जुड़े हैं, ऐसे में छात्र और शूलिनी जैसे संस्थान का सहयोग बहुत मायने रखता है।


युवराज के नाम बना स्टेडियम 
शूलिनी वि.वि. में युवराज के नाम पर क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया गया है। मंगलवार दोपहर को युवराज ने उनके नाम पर बने विश्वविद्यालय के नए क्रिकेट मैदान का उद्घाटन किया। इसके बाद एक कश्मीर विलो पेड़ भी लगाया गया। कश्मीर विलो की लकड़ी क्रिकेट बैट बनाने के लिए उपयोग की जाती है।