परीक्षा देने आई छात्रा के साथ घटी यह घटना, जानने के लिए पढ़ें खबर

Tuesday, Nov 07, 2017 - 07:40 PM (IST)

शिमला: शिमला के मैहली स्थित एक निजी संस्थान में परीक्षा देने आई छात्रा के पैसे चोरी होने का मामला सामने आया है। यहां शातिर ने दिन-दिहाड़े ही छात्रा के पर्स से पैसे उड़ा डाले हैं। संजौली की छात्रा रंजना निजी संस्थान में बी.एस.एन.एल. की ओर से आयोजित जूनियर अकाऊंट ऑफिसर की परीक्षा देने पहुंची थी। रंजना ने पुलिस को दी अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि जब वह दोपहर बाद परीक्षा के लिए निजी संस्थान पहुंची तो सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोककर पर्स परीक्षा हाल में ले जाने से साफ मना किया। जब उसने कहा कि पर्स में पैसे और कीमती सामान है तो सुरक्षा कर्मियों ने आश्वासन दिया कि इसकी हमारी जिम्मेदारी है लेकिन जब वह परीक्षा देकर लौटी तो पर्स देखकर उसे शक हुआ क्योंकि चेन कुछ खुली थी। उसने सुरक्षा कर्मियों के सामने ही पर्स खोला तो देखा कि 25,000 की नकद राशि गायब थी।

बी.एड. की फीस जमा करवाने के लिए लाई थी राशि
छात्रा ने यह राशि बी.एड. की फीस जमा करवाने के लिए लाई थी। 5 बजे से पहले जमा करने के चक्कर में वह परीक्षा से भी जल्द बाहर आ गई थी। इस बारे में जब उसने सुरक्षा कर्मियों और संस्थान प्रबंधन से शिकायत की तो सभी ने साफ कहा कि आपके पैसों की रखवाली हमारी जिम्मेदारी नहीं है। उसने सवाल उठाया कि जब सुरक्षा की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है तो फिर उसे पर्स साथ ले जाने से रोका ही क्यों। उसने कहा कि यह सब संस्थान और सुरक्षा कर्मियों की मिलीभगत और लापरवाही के कारण हुआ है जिसकी जिम्मेदारी संस्थान की ही है। छात्रा ने पुलिस से दोषियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए उसे पैसा वापस लौटाने की मांग की है। 

संस्थान में कई बार आ चुकी हैं ऐसी शिकायतें 
ऐसा नहीं है कि संस्थान में यह चोरी या लापरवाही की पहली घटना है बल्कि इससे पूर्व भी कई बार इस तरह की शिकायतें आ चुकी हैं, बावजूद संस्थान पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। परीक्षार्थी ने सरकार से अनुरोध किया है कि ऐसे लापरवाह संस्थानों की मान्यता रद्द की जानी चाहिए और भविष्य में यहां कोई भी परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 

क्या कहती है पुलिस 
मामले से संबंधित जब कसुम्पटी चौकी में पुलिस से बात की गई तो उसका कहना था कि उसके पास पैसे चोरी होने की शिकायत आई है। फिलहाल मामला दर्ज नहीं किया गया है। अगर छानबीन में कुछ पैसे चोरी होने के तथ्य सामने आते हैं तो मामला दर्ज किया जाएगा और शातिर का पता लगाया जाएगा।