इस पवित्र झील को मिलेंगी जीवनदायी सांसें, जानिए क्या बना एक्शन प्लान

Tuesday, May 02, 2017 - 11:50 PM (IST)

मंडी: हिन्दू, सिख और बौद्ध त्रिसंगम तीर्थस्थली रिवालसर के कायाकल्प के लिए जिला प्रशासन ने देर से ही सही लेकिन अब पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए नए सिरे से डी.सी. मंडी की अध्यक्षता में एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। रिवालसर झील को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। 14 लाख रुपए की लागत से एरिएटर स्थापित कर झील के पानी में मशीनी तरीके से बुलबुले तैयार कर आक्सीजन की मात्रा बढ़ाई जाएगी। झील को गाद व प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है, इसके लिए क्या कारगर कदम उठाए जाएं, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है।

अधिकारियों की टैक्नीकल कमेटी गठित
 मंगलवार को डी.सी. संदीप कदम ने अपने कार्यालय में एक दर्जन विभागाध्यक्षों और विशेषज्ञों से बैठक की और मंथन के बाद सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण, मत्स्य व वन विभाग के अधिकारियों की एक टैक्नीकल कमेटी गठित की। यह टैक्नीकल कमेटी विभिन्न संस्थाओं और एजंैसियों के माध्यम से आए सुझावों का अध्ययन करेगी और 10 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट डी.सी. को सौंपेगी। कमेटी के सुझावों पर इसके बाद ही झील के संरक्षण व मछलियों क ो बचाने के लिए अगला कार्य शुरू होगा।

इन कार्यों को दी जाएगी गति
आई.पी.एच. विभाग को सीवरेज योजना का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है। सीवरेज योजना के अभाव में झील के आसपास के मकानों व व्यावसायिक परिसरों की गंदगी झील में समाती रहती है, जिससे झील में प्रदूषण बढ़ता है। कैचमैंट क्षेत्र की गंदगी झील के अंदर न जाने पाए, इसके लिए नालियों का निर्माण युद्धस्तर पर करने का निर्णय लिया गया है। लघु मध्यम शहरी विकास योजना के तहत नगर पंचायत को राशि केंद्र सरकार की तरफ से मिली है। इस पैसे से झील के किनारे पानी निकासी की नालियों का निर्माण होगा और पुरानी नालियों की मुरम्मत के साथ इनकी दिशा बदली जाएगी, वहीं केंद्र से स्वीकृत राशि से रिवालसर विकास योजना पर वन विभाग को जल्द से जल्द कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।