शिमला में इस बीमारी ने दी दस्तक, 18 बच्चे IGMC में भर्ती

Saturday, Oct 27, 2018 - 04:22 PM (IST)

शिमला (राजीव): सर्दियां शुरू होते ही शिमला शहर में निमोनिया ने दस्तक दे दी है।  पिछले चार दिनों में शहर में 18 बच्चे निमोनिया की चपेट में आ गए हैं। आई.जी.एम.सी. में निमोनिया से ग्रस्त सभी बच्चों को पेडियाट्रिक वार्ड में एडमिट करवाया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है। निमोनिया ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल के हमले से होता है। मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने के अलावा खसरा और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद भी इसकी आशंका बढ़ जाती है।

5 साल से छोटे बच्चों और 60 साल से ऊपर के लोगों को होती है ये बिमारी
आई.जी.एम.सी. के एम.एस. डा. जनक राज ने कहा कि निमोनिया के कारण बच्चों और बुजुर्गों को बहरापन जैसी बीमारियां हो सकती हैं। निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिससे फेफड़ों, लंग्स में इंफैक्शन हो जाता है। यह बीमारी बुखार या जुकाम होने के बाद होती है और यह 10-12 दिन में ठीक हो जाती है लेकिन कई बार यह खतरनाक भी हो जाता है। यह बीमारी 5 साल से छोटे बच्चों और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को होती है क्योंकि उनकी इम्युनिटी कम होती है।

ये हैं निमोनिया के लक्षण
उन्होंने कहा कि निमोनिया के लक्षण तेज बुखार, खांसी के साथ हरे या भूरे रंग का गाढ़ा बलगम आना, कभी-कभी हल्का सा खून भी, सांस लेने में दिक्कत, दांत किटकिटाना, दिल की धड़कन का तेज होना, सांस लेने की रफ्तार बढऩा, उल्टी-दस्त, भूख न लगना, होंठों का नीला पडऩा, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, बेहोशी छाना आदि हैं।

Vijay