होने जा रहा था यह अनर्थ, फरिशता बनकर पहुंची बाल संरक्षण इकाई

Saturday, Apr 08, 2017 - 12:43 AM (IST)

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के अंतर्गत आते नयनादेवी में एक नाबागिल लड़की की जिंदगी बचाने के लिए बाल संरक्षण इकाई फरिशता बनकर पहुंच गई। हुआ यूं कि नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के ठरूआ में एक व्यक्ति द्वारा अपनी 2 बेटियों की शादी रखी गई थी। इनमें से एक लड़की नाबालिग थी। शादी की तारीख 5 अप्रैल निर्धारित की गई थी। परिजनों ने शादी की पूरी तैयारी कर रखी थी लेकिन समय पर सूचना मिलते ही हरकत में आए विभाग ने मौके पर पहुंचकर इस बाल विवाह को रुकवा दिया। मामले की जानकारी गांव के किसी व्यक्ति ने जिला बाल संरक्षण इकाई को दी, जिस पर जिला कार्यक्रम अधिकारी विरेंद्र कुमार शर्मा ने एक टीम नाबालिगा के घर ठरूआ में भेजी।

17 वर्ष 2 महीने थी लड़की की आयु 
लड़की के घर पर पहुंचकर टीम ने दोनों लड़कियों के प्रमाण पत्र जांचे तो बड़ी लड़की की आयु 20 वर्ष व छोटी लड़की की आयु 17 वर्ष 2 महीने पाई। संबंधित टीम ने इस बारे में कोट थाना प्रभारी को सूचना दी, जिस पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में बाल संरक्षण टीम ने लड़की व लड़के के परिजनों को बाल-विवाह करवाने पर अग्रिम कार्रवाई की जानकारी दी, जिस पर दोनों परिवार मान गए और शादी रोक दी गई।