इस दिन विधानसभा के बाहर गरजेंगे किसान, बैठक कर बनाई रणनीति

Sunday, Feb 19, 2017 - 07:04 PM (IST)

शिमला: जंगली जानवरों की समस्या से आजिज आ चुके किसान अब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। वे किसान सभा के बैनर तले 5 अप्रैल को राज्य विधानसभा के बाहर हल्ला बोलेंगे। इसके लिए किसान सभा अभी से तैयारियों में जुट गई है। इस प्रदर्शन में हजारों किसानों के भाग लेने के आसार हैं। प्रदर्शन के दौरान वन और सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले किसानों की बेदखली प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग उठाई जाएगी, साथ ही फल, सब्जी व दूध उत्पादकों की मांगों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।

जंगली जानवरों के मुद्दे पर किसानों के साथ छलावा 
किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डा. कुलदीप तंवर और कोषाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर ने आरोप लगाया कि सरकार जंगली जानवरों के मुद्दे पर किसानों के साथ छलावा कर रही है। वर्मिन घोषित क्षेत्रों में बंदरों को मारने के लिए वन विभाग उचित कदम नहीं उठा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान प्रशिक्षित नहीं हंै, ऐसे में वे बंदरों को कैसे मार पाएंगे?  सरकार ने बंदूकों की लाइसैंस फीस 50 रुपए से बढ़ा कर सीधे 1700 रुपए कर दी है। इससे किसान लाइसैंस कैसे ले पाएंगे? बंदरों की समस्या से निजात पाने के प्रति भी सरकार गंभीर नहीं है। कभी उन्हें उत्तर-पूर्व ले जाने की बात कहती है तो कभी और उपाय करने के दावे लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। इससे किसानों की रोजी-रोटी खतरे में है। इन सब मुद्दों को रैली में उठाया जाएगा। 

अतिक्रमणकारियों के लिए नई स्कीम लाने के दावे खोखले 
किसान सभा ने आरोप लगाया है कि अतिक्रमणकारियों के लिए नई स्कीम लाने के सरकार के दावे खोखले ही हंै। उन्होंने कहा कि यह मात्र चुनावी स्टंट है। सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर सरकार वाकई गंभीर होती तो फिर 4 साल पहले स्कीम क्यों तैयार नहीं की? क्यों इसे चुनावी साल में तैयार किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि वंचितों, पीड़ितों व दलितों को 5 बीघा तक की जमीन नियमित की जाए। इसे अवैध कब्जा न माना जाए, क्योंकि यह आजीविका चलाने के लिए किया गया है। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन में प्रदेश भर के हजारों किसान जुटेंगे। 

रैली की तैयारियों पर हुई बैठक 
अप्रैल में होने वाली रैली के लिए किसान सभा की शिमला जिला इकाई की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सत्यवान ने की। इसमें संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसमें पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने भी भाग लिया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह भूमिहीन किसानों, दलितों, महिलाओं व वंचितों के लिए 5 बीघा तक जमीन मुहैया करवाए। अगर किसी ने रोजी-रोटी के लिए कब्जा किया है तो उसे नियमित किया जाए। बैठक में सचिव देवकी नंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफैसर राजेंद्र चौहान, राकेश वर्मा, पूर्ण ठाकुर, प्रेम कायथ, जगदीश, राजकमल जिंटा और दयाल सिंह आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया।