PICS: इस खूबसूरत गांव में पर्यटकों के ठहरने पर लगा BAN, जानिए क्यों

Wednesday, Jul 12, 2017 - 03:00 PM (IST)

कुल्लू: हिमाचल के खूबसूरत गांव में अब देशी-विदेशी पर्यटकों का ठहराव पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा रहा है। साथ ही पर्यटन की व्यावसायिक गतिविधियों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। हम बात कर रहे हैं कुल्लू वैली में मलाणा नाम के एक प्राचीन गांव की। मलाणा के कुलज देवता ने इस तरह का फरमान सुना दिया है। करीब 2500 की आबादी व 500 परिवारों ने सामूहिक रूप से इस तरह के निर्णय पर सहमति जता दी है। हालांकि मलाणा और बगियांदा के 2 व्यक्तियों ने इस फैसले को चुनौती दी है। इनका तर्क है कि इस तरह के निर्णय से मलाणा में पर्यटन पर आधारित जो रोजगार मिल रहा था, वह बंद हो जाएगा। इसके कारण कई लोगों को रोजी-रोटी के लाले पड़ जाएंगे। मामले की पेचीदगी को देखते हुए अपने ही कानून के लिए प्रसिद्ध मलाणा में संसद का आयोजन हो रहा है। इसमें ज्येष्टांग (राज्यसभा) और कनिष्टांग (लोकसभा) अपना फैसला सुनाएगा। 



मलाणा में बाहरी मेहमानों को अब नहीं मिलेगी पनाह
मलाणा में इन दिनों संसद जारी है। संभावना जताई जा रही है कि कुछेक दिनों में संसद का निर्णय आ जाएगा। इसके साथ ही विरोध जताने वालों पर इसका चाबुक चल सकता है। आज तक बाहरी राज्यों व विदेशी पर्यटक मलाणा की देव परंपरा को देखने के लिए डेरा डाले रखते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मलाणा का कोई भी बाशिंदा अपनों घरों में बाहरी मेहमानों को पनाह नहीं देगा। कुल मिलाकर मलाणा के सभी ग्रामीणों ने इस पर अपनी सहमति की मुहर लगा दी है। दुनिया के लिए अचंभा बने मलाणा को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक काफी तादाद में यहां आते हैं। वे कई दिनों तक मलाणा में ही रहते हैं। ऐसे में यहां की पुरातन देव परंपरा और लोक संस्कृति को भी गहरा आघात पहुंच रहा है। देवता ने भी इस तरह के संकेत दिए हैं। गृह कुलज ने मड़ोही (पूछ डालना) लगाकर इस तरह का फैसला सुनाया है। 



संसद का आदेश होगा स्वीकार्य
मलाणा गांव के पूर्व पंचायत समिति सदस्य बुध राम व मलाणा के प्रधान भागी राम का कहना है कि जो भी आदेश देवता का होगा, वह स्वीकार्य होगा। साथ ही यदि इस संदर्भ में किसी की आपत्ति होती है तो इसका निर्णय संसद में लिया जाता है। इसी निर्णय को लेकर मलाणा में संसद का आयोजन हो रहा है। आशा है कि 3-4 दिनों में कुछ न कुछ फैसला आएगा।