उस रूह का तीस साल बाद भी होता है चिल्लाने का अहसास, मांगती है पानी

Saturday, Nov 11, 2017 - 06:23 PM (IST)

मनाली: हिमाचल प्रदेश के मनाली लेह मार्ग पर अकसर वह पानी के लिए चिल्लाता हुआ लोगों ने देखा है। तीन दशक पहले घटी घटना आज भी उस दर्द को ताजा कर जाती है जब वह ट्रक क्लीनर पानी और मदद के लिए चिल्लाता हुआ सुनाई देता है। गाटा लूप्स मार्ग पर घटी इस दर्दनाक घटना का सच यह है कि बर्फबारी में एक ट्रक सहायक की मौत हुई थी, लोगों से अकसर सुनने को मिलता है कि उस नौजवान का भूत इन वादियों में पर्यटकों और गाड़ी वालों को मिल चुका है। अब उस रूह को शांत करने के लिए लोग गाटा लूप्स में भूत मंदिर पर सिगरेट और मिनरल वाटर की बोतलें चढ़ाकर ही आगे बढ़ते हैं। ताकि उनका सफर मुसीबतों से बचा रहे।

सिगरेट और पानी है चढ़ावा
लेह मार्ग पर गाटा लूप्स 17000 फुट की ऊंचाई पर है। इस पहाड़ पर खामोशी और उसके चिल्लाने की आवाज अलग ही एहसास करवाती हैं। यहां पर भूत का एक छोटा सा मंदिरनूमा घर बनाया गया है। इस डरावनी जगह पर हर कोई जाने से परहेज करता है। अगर कोई इस जगह से गुजरता है तो वे यहां पर सिगरेट और पानी की बोतलें चढ़ाकर ही यहां से गुजरता है। अगर कोई यहां पर सिगरेट और पानी की बोतलें नहीं चढ़ाता है तो उसे सफर के दौरान मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। 

ऐसे घटी थी घटना
30 साल पहले ड्राइवर और ट्रक सहायक मनाली से लेह जा रहे थे। सरचू से तीस किलोमीटर की दूरी पर 22 मोड़ में वाहन खाई में गिर गया और ट्रक सहायक नीचे आ गया, ड्राईवर घायल कंडक्टर को बचाने के लिए पास के गांव में मदद मांगने गया। लेकिन जब तक उसके साथ गांववाले आए तब तक कंडक्टर की मौत हो चुकी थी।

पानी के लिए चिल्ला रहा था ट्रक सहायक
उसी रात की बात है जब ट्रक चालक गांव में सहायता मांगने के लिए गया था तो उस दौरान एक अन्य ट्रक चालक मार्ग से गुजर रहा था। उसे जख्मी ट्रक सहायक की पुकार सुनाई दी, जो पानी के लिए चिल्ला रहा था। जब तक उसे पानी नसीब हुआ उसकी सांसें उसे धोखा दे चुकी थीं। इस दर्दनाक मौत के बाद अकसर इस रास्ते पर चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है।

भटकती रहती है आत्मा
हमारे संवाददाता के मुताबिक उस क्लीनर की आत्मा यहां भटकती है। संवाददाता ने बताया कि जब भी कोई वाहन इस रास्ते से जाता है तो उसमें सवार यात्रियों और चालक को रूह का आभास होता है। जो पानी के लिए चिल्लाती है। जब रास्ते पर हादसे बढऩे लगे तो वहां पर भूत मंदिन का निर्माण स्थानीय लोगों के द्वारा किया गया। इसके बाद यहां पर होने वाले हादसों में कमी आई।