अर्की में लगेगा तीसरा सीमैंट उद्योग, पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा प्रस्ताव

Thursday, Sep 06, 2018 - 01:15 PM (IST)

सोलन : अर्की तहसील में अम्बुजा व अल्ट्राटैक सीमैंट उद्योग के बाद देवरा में तीसरा सीमैंट उद्योग स्थापित होगा। इस परियोजना को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। खनन व कारखाना स्थापित करने के लिए भूमि के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इसके लिए करीब 107 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें आधे से ज्यादा भूमि सरकारी है। अब इस प्रस्ताव को वन व पर्यावरण की मंजूरी के लिए भेजा रहा है। इसकी मंजूरी मिलते ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

10 लाख मीट्रिक टन पत्थरों का भंडार 
सूत्रों की मानें तो देवरा में करीब 10 लाख मीट्रिक टन पत्थरों का भंडार है। एशियन सीमैंट उद्योग की वहां पर क्लिंकर व सीमैंट उद्योग स्थापित करने की योजना है। हालांकि नालागढ़ में भी 2 सीमैंट उद्योग स्थापित हैं लेकिन वहां पर केवल सीमैंट का ही उत्पादन होता है जबकि उन दोनों उद्योगों का खनन क्षेत्र व क्लिंकर का उत्पादन दाड़लाघाट व बागा में किया जाता है।

एन.एम.डी.सी. करेगी पत्थर की आपूर्ति
इसके अलावा शेरपुर क्षेत्र से एन.एम.डी.सी. इस्पात उद्योग को पत्थर की आपूर्ति करेगी। इसके लिए करीब 280 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने की योजना है। शेरपुर बैल्ट के पत्थर को स्टील ग्रेड का करार दिया गया है। इस पत्थर में सिल्का की मात्रा 2 फीसदी से कम है। इन दोनों परियोजनाओं के शुरू होने के बाद अर्की क्षेत्र में खनन करने वाले उद्योगों की संख्या 4 हो जाएगी। वर्तमान में अम्बुजा सीमैंट उद्योग के 2 प्लांट तथा अल्ट्राटैक का एक सीमैंट प्लांट स्थापित है।

पर्यावरण को खतरा
अर्की में स्थिति यह बनती जा रही है कि बाड़ीधार को छोड़कर कोई पहाड़ ही नहीं बचेगा। अम्बुजा सीमैंट का ग्याणा, मांगू व चंडी के पहाड़ में खनन क्षेत्र है जबकि अल्ट्राटैक द्वारा मांगल पंचायत में खनन किया जा रहा है। घनागुघाट की धार की शेरपुर बैल्ट में एन.एम.डी.सी. की परियोजना लग रही है और देवरा की पहाड़ी पर भी सीमैंट उद्योग लग रहा है। इन सीमैंट उद्योगों से अर्की तहसील में पर्यावरण को खतरा भी पैदा हो सकता है।

kirti