उन्हें छत की तलाश और यहां छतें हो रहीं बर्बाद

Thursday, Jan 17, 2019 - 11:24 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): वे छत तलाश रहे हैं और छत उनकी राह देख रही है। यह एक बड़ी विडंबना है तथा इस विडंबना में लाखों रुपए मिट्टी हो चुके हैं। पालमपुर में रेहड़ी-फड़ी वालों को आश्रय देने के लिए लगभग 7 वर्ष पूर्व खोखे तैयार किए गए। ये खोखे तैयार भी हुए, खोखे रेहड़ी-फड़ी वालों को आबंटित भी कर दिए गए कुछ दिनों तक यहां बाजार भी सजा परंतु एकाएक यह मार्कीट बंद हो गई। नगर परिषद द्वारा यह कवायद आरंभ की गई थी, उद्देश्य सड़क मार्गों के साथ बैठे रेहड़ी फड़ी वालों को एक स्थान पर समायोजित करने का था। इस हेतु विधायक निधि से 5 लाख की धनराशि भी उपलब्ध करवाई गई। आयकर विभाग कार्यालय के समक्ष इन खोखों को तैयार किया गया था परंतु आज ये खोखे वीरान पड़े हुए हैं।

6 दिसम्बर, 2012 को इस मार्कीट का शुभारंभ किया गया था। उस समय आस बंधी थी कि पालमपुर नगर में सड़क किनारे रेहड़ी-फड़ी से निजात मिलेगी परंतु बताया जा रहा है कि रेहड़ी-फड़ी वालों ने उस स्थान पर व्यवसाय न होने की बात कही, जिस पर दोबारा रेहड़ी-फड़ी वालों को उसी स्थान पर बैठा दिया गया। वर्तमान में रेहड़ी-फड़ी वाले नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र में आने वाले सड़क मार्गों के अतिरिक्त राष्ट्रीय उच्चमार्ग के किनारे भी बैठे हुए हैं, ऐसे में यह रेहड़ी-फड़ी वाले जहां स्वयं भारी भरकम ट्रैफिक के मध्य खतरे के साए में बैठे हुए हैं, वहीं सुचारू यातायात व्यवस्था में भी बाधा बने हुए हैं।

योजना सिरे नहीं चढ़ी, धन की व्यवस्था नहीं नगर परिषद द्वारा रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए वैंडर जोन बनाए जाने की योजना तैयार की गई परंतु यह योजना अभी सिरे नहीं चढ़ सकी है। बताया जा रहा है कि इसके लिए 4 स्थानों पर भूमि चिन्हित की गई है परंतु अभी तक इस हेतु नगर परिषद को धनराशि ही उपलब्ध नहीं हो सकी है, जिस कारण यह योजना खटाई में पड़ी हुई है। नगर परिषद द्वारा इस योजना के लिए लगभग 150 रेहड़ी-फड़ी वालों का पंजीकरण भी किया गया है।
 

kirti