इन स्कूलों का 100 से सीधा 2% पहुंचा परिणाम, ऐसे खुली अध्यापकों की पोल

Thursday, Apr 27, 2017 - 04:26 PM (IST)

स्वारघाट (बिलासपुर): सरकार द्वारा शक की निगाह से देखे जाने वाले अध्यापकों की अब परीक्षा केंद्रों में स्थापित किए गए सी.सी.टी.वी. कैमरों ने पोल खोल कर रख दी है। बताया जाता है कि जब स्वारघाट स्कूल में खराब रिजल्ट पर स्कूलों के मुखिया से संपर्क साधा तो वह विभिन्न तरीके से अपना बचाव करते दिखे। कई प्रधानाचार्य जहां रिजल्ट का कारण अध्यापकों की कमी बता रहे थे तो कइयों ने इसका सारा ठीकरा बच्चों पर ही फोड़ दिया। स्कूलों में कैमरे लगते ही परिणाम का ग्राफ 100 प्रतिशत से सीधा 2 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिसका आकलन करना अति आवश्यक है। परीक्षा केंद्रों में कैमरे लगते ही कई अध्यापक संगठनों ने कैमरों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। 


कैमरे लगाने से खुली पोल
हैरत की बात यह भी है कि स्वारघाट स्कूल में ही सी.सी.टी.वी. की निगरानी में एक निजी स्कूल के बच्चों ने 86 प्रतिशत रिजल्ट देकर अच्छा प्रदर्शन किया है तो वहीं सरकारी स्कूलों में एकदम से रिजल्ट में आई कमी को लेकर अभिभावक वर्ग नाराज है। अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि आगामी सत्र से सभी परीक्षा केंद्रों में एकमुश्त कैमरे स्थापित किए जाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। बताया जाता है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नकराणा में जहां शून्य के शर्मनाक आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए एक विद्यार्थी ने पास होकर विद्यालय का खाता खोला है तो वहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टरवाड़ के अध्यापकों द्वारा करवाई गई पूरे वर्ष की मेहनत के फलस्वरूप 2 अनमोल रत्न ही पास होने में सफल हुए हैं।


स्कूलों का प्रदर्शन आंकड़ों में
नकराणा स्कूल का गत वर्ष का रिजल्ट 98 प्रतिशत लेकिन अबकी बार कैमरे के बाद कुल बच्चे 23, पास 1, फेल 14, री-अपीयर 8, टरवाड़ स्कूल गत वर्ष रिजल्ट 100 प्रतिशत, कैमरे के बाद रिजल्ट कुल बच्चे 41, पास 2, फेल 25, री-अपीयर 14, स्वारघाट स्कूल गत वर्ष रिजल्ट 96 प्रतिशत, कैमरेे के बाद रिजल्ट कुल बच्चे 48, पास 10, फेल 25, री-अपीयर 11 व 2 अनुपस्थित रहे।