आर्थिकी में होगा सुधार, प्रदेश में बनेगी एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी

Saturday, Nov 09, 2019 - 11:32 AM (IST)

पालमपुर (भृगु): प्रदेश में एनिमल साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस हेतु कवायद आरंभ कर दी गई है। पशुपालन क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत प्रदेश में एनिमल साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना का ताना-बाना बुना जाने लगा है। प्रदेश की आर्थिकी में पशुधन की भूमिका महत्वपूर्ण है। यद्यपि पिछले कुछ समय से प्रदेश में पशुधन की संख्या में कमी आई है, परंतु अभी भी पशुधन प्रदेश की 90 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या की आर्थिकी का प्रमुख आधार है।

प्रदेश में वर्तमान में लगभग साढ़े 48 लाख पशुधन है, जबकि कभी प्रदेश में पशुधन की संख्या मानवीय जनसंख्या से अधिक थी। राज्य में 19वीं पशुधन गणना के अनुसार 2149259 गौ जातीय, 716016 भैंसें, 80487 भेड़ें, 1119491 बकरियां, 15081 घोड़े व टट्टू हैं, जबकि 1104476 कुक्कट भी हैं। स्पष्ट है कि यह पशुधन लोगों की आॢथकी से सीधे-सीधे जुड़ा है। पशुपालन सैक्टर के सुदृढ़ीकरण के लिए अब एनिमल साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर गंभीरता से तैयारी आरंभ कर दी गई है। बताया जा रहा है कि शीघ्र ही इस मामले को कैबिनेट में ले जाया जाएगा। इस एनिमल साइंस विश्वविद्यालय की स्थापना किस स्थान पर की जाएगी, अभी इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

वैटर्नरी कालेज को विश्वविद्यालय बनाए जाने की उठती रही है मांग कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के अंतर्गत संचालित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का स्तर प्रदान किए जाने की मांग भी उठती रही है। वर्ष 1986 में स्थापित इस विश्वविद्यालय में वर्तमान में 15 विभागों के अतिरिक्त 2 सर्विस यूनिट स्थापित हैं। टीचिंग वैटर्नरी क्लीनिकल काम्पलैक्स को उत्तर भारत के वैटर्नरी पी.जी.आई. के रूप में पहचान मिली है। महाविद्यालय के प्राध्यापक संघ ने लगभग 7 वर्ष पहले ही इस संस्थान को एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित करने की मांग उठाई थी।

Edited By

Simpy Khanna