सीएम के इस्तीफे के बगैर नहीं हो सकती निष्पक्ष जांच : आशा कुमारी

Monday, Jun 08, 2020 - 12:11 PM (IST)

चंबा (शक्ति प्रसाद) : हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में कथित लेनदेन की ऑडियो सीडी सामने आने के बाद स्वास्थ्य निदेशक की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद उन्हें कोर्ट से बेल मिल गई। लेकिन इस पूरे मामले में दो लोगों की बातचीत होती है और दूसरे व्यक्ति को स्टेट विजिलेंस ने देर रात गिरफ्तार किया, जिसके बाद हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। जाहिर सी बात है हिमाचल प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को नाक तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया है, यही कारण है कि पिछले काफी दिनों से हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार को लेकर हमेशा हमलावर रहा है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंजाब की प्रभारियों डलहौजी की विधायक आशा कुमारी दें सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में बिजिलेंस कैसे कार्रवाई कर सकती है। जहां गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास हो, स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास हो वहां निष्पक्ष जांच का सवाल पैदा नहीं होता है। निष्पक्ष जांच हो सकती है जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उसके बाद ही निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद बन सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष को भी हिमाचल प्रदेश की जनता ने चुना है हमारा फर्ज बनता है कि हम लोगों के मुद्दे सरकार के सामने उठाएं अगर सरकार गलत करती है तो मुझे भी जनता तक पहुंचाने में अपना योगदान दें। 

हालांकि आनन-फानन में प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल का इस्तीफा हास्यास्पद है क्योंकि दो लोग बात कर रहे हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का क्या रोल हो सकता है। यही जांच का विषय है अगर राजीव बिंदल इस्तीफा देते हैं तो इसके पीछे बहुत बड़ी वजह है, यह जांच में सामने आना चाहिए। इस घोटाले के पीछे कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं और सरकार किस किस को बचाना चाहती है। विपक्ष के पूरे विधायक इस बात की मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे और इसकी जांच निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि पर्दे के पीछे जो लोग शामिल हैं उनका सच सामने आ सके। हमने राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया है और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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prashant sharma