पशुपालन में हैं अपार संभावनाएं, इसके आधुनिकीकरण पर दें बल: अमरजीत सिंह

punjabkesari.in Thursday, Jul 31, 2025 - 04:18 PM (IST)

हमीरपुर। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा है कि पशुपालन जैसे पारंपरिक सैक्टर में आज भी रोजगार की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। इसमें आधुनिक तकनीक का समावेश करके ग्रामीण आर्थिकी को बल दिया जा सकता है। पशुपालन विभाग और इस पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े आम किसानों एवं पशुपालकों को आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य करना चाहिए। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को बल मिलेगा।

पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिकीकरण की संभावनाओं को लेकर वीरवार को आयोजित एक कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बताया कि इस सैक्टर में व्यापक सुधार के लिए राज्य स्तर पर एक व्यापक कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए जिला हमीरपुर से भी संभावित योजनाएं और महत्वपूर्ण सुझाव एवं प्रस्ताव प्रेषित किए जा रहे हैं।

उपायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे जिला में पशु चिकित्सा से संबंधित इनफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण, पशुओं की नस्ल में सुधार, दुग्ध उत्पादों के बेहतर विपणन, दुग्ध सहकारी सभाओं के गठन, चारे की समस्या के स्थायी समाधान, पशु चारे की फसलों की खेती और पौधारोपण, आधुनिक तकनीक एवं मशीनों के उपयोग, युवाओं को पशुपालन के लिए प्रेरित करने और इस सैक्टर के अन्य सभी पहलुओं के मद्देनजर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार करें। इसमें कृषि विभाग, बागवानी विभाग, वन विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, जल शक्ति, उद्योग, सहकारिता विभाग, मिल्क फैडरेशन और अन्य विभागों के इनपुट्स के अलावा स्वयं सहायता समूहों, गौसदनों के संचालकों तथा आम पशुपालकों के सुझाव भी शामिल होने चाहिए।

कार्यशाला में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. देवेंद्र कतना ने जिला में पशुपालन की संभावनाओं, विभाग की सेवाओं के आधुनिकीकरण और अन्य मुद्दों का विस्तृत ब्यौरा पेश किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. शशिपाल अत्री, मिल्क फैडरेशन की अधिकारी सुनीता कुमारी, ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी, जिला के प्रगतिशील पशुपालकों के प्रतिनिधि के रूप में अनिल कुमार और तरसेम चंद भी उपस्थित रहे।
 


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Content Editor

Jyoti M

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