अगर पार्टी का नहीं है कुछ लेना-देना तो सरकार बताए कि फिर किसका है लेना-देना? : राणा
Wednesday, May 27, 2020 - 05:50 PM (IST)
हमीरपुर : कांग्रेस कमेटी के राज्य उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार पर फिर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि कोविड-19 के दौरान हेल्थ डिपार्टमेंट में हुए बड़े घोटाले को लेकर अब बीजेपी पार्टी चीफ ने अपना त्यागपत्र देकर अपने दामन को बचाने का प्रयास करते हुए स्पष्ट किया है कि इस घोटाले से पार्टी का कुछ लेना-देना नहीं है। ऐसे में अब सरकार को स्पष्ट करना होगा कि अगर पार्टी का कुछ लेना-देना नहीं है तो फिर किसका लेना-देना है।
उन्होंने कहा कि वह तो पहले से ही कह रहे हैं कि कांग्रेस किसी भी हालत में प्रचंड बहुमत से जीती बीजेपी सरकार को अस्थिर नहीं करना चाह रही है लेकिन अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि सरकार पर संकट अब अपनों के कारण ही आने वाला है। भ्रष्टाचार को लेकर सरकार बेबस व मजबूर नजर आ रही है। विपक्ष के दबाव पर आरोपी हेल्थ डायरेक्टर को तो हिरासत में ले लिया गया है लेकिन भ्रष्टाचार के वायरल ऑडियो में जिस नेता की बातचीत उजागर हुई है उस नेता को अभी भी सरकार जांच की जद में नहीं लेना चाह रही है अन्यथा अभी तक सरकार व सत्ता के बीच भ्रष्टाचार की दलाली करने वाला यह नेता सलाखों के पीछे होता? हेल्थ विभाग में 15 करोड़ की प्रचेजिंग उजागर होने के बाद यह भी खुलासा हो चुका है कि इस घोटाले का असली कनेक्शन कहां जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि हेल्थ विभाग में एक के बाद एक बड़े घाटाले सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार खामोश है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में चल रहे इस बड़े स्कैंडल में और कौन-कौन बड़े सियासी शुमार हैं? सरकार इसका भी अभी तक खुलासा करने से बच रही है। सीएम ब्रांच से हिरासत में लिए गए हेल्थ डायरेक्टर की सेवा विस्तार का सिफारिशी डीओ लेटर अचानक कैसे गायब हो गया या गायब करवा दिया गया, इसका जवाब भी अब सरकार जनता को दे। उन्होंने कहा कि सत्य तो सत्य ही रहेगा और तथ्य भी तथ्य ही रहेंगे। सरकार की पसंद-नापसंद या नाराजगी से न तथ्य बदलेंगे न सत्य बदलेगा। इस घोटाले के आरोपी नेताओं को सरकार बेनकाब करे। क्योंकि यह मामला सीधा जनता के हितों के खिलवाड़ से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि आखिर सरकार की ऐसी कौन सी लाचारी व मजबूरी है जिसके चलते हेल्थ विभाग की भ्रष्टाचार पर सरकार की चुप्पी नहीं टूट पा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चेताया कि अब तो पीएमओ की तरफ से भी इस भ्रष्टाचार को लेकर एक नोडल ऑफिसर तैनात कर दिया गया है। कहीं ऐसा न हो कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाते-बचाते अपनी कुर्सी के गंवाने का इंतजाम कर बैठे। बीजेपी चीफ ने अपनी स्थिति साफ कर दी है अब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को आगे आकर इस भ्रष्टाचार को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। बीजेपी पार्टी चीफ ने अपना त्यागपत्र देकर अपना दामन साफ कर लिया है लेकिन अब सरकार को अपने दामन पर लगे दाग को साफ करना होगा। जिसको लेकर सरकार स्वयं घिरती नजर आ रही है।