दूसरे चरण की ग्राम सभाओं भी बहिष्कार, पंचायतों के विकास का खाका नहीं हुआ तैयार

punjabkesari.in Friday, Jul 08, 2022 - 05:03 PM (IST)

तीसा (सुभान दीन): जिले के सातों विकास खंड में दूसरे चरण की ग्राम सभाएं बिना कोरम के पूरी नहीं हो पाई। यही नहीं अधिकतर ग्राम सभा में प्रधान ही नहीं पहुंचे। इसके चलते ग्राम पंचायतों में विकास का खाका तैयार नहीं हो पाया। जिला के चम्बा, मैहला, भटियात, भरमौर, सलूणी, तीसा व पांगी विकास खंडों की विभिन्न पंचायतों में प्रधानों द्वारा ग्राम सभा का बहिष्कार किया गया। जिला परिषद कर्मचारी पिछले कई दिनों से अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं और पंचायत प्रधानों ने इन्हें अपना समर्थन दिया है। प्रधानों ने कहना है कि जब तक कर्मचारियों की मांग को पूरा कर उनकी हड़ताल समाप्त नहीं होती है तब तक वह ग्राम सभा व मासिक बैठकों का बहिष्कार करेंगे। बावजूद इसके पंचायती राज विभाग ने पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजन के लिए ग्राम रोजगार सेवक, सिलाई अध्यापिका व पंचायत चौकीदार को कार्यभार दिया है।

ग्राम सभा के प्रथम चरण की तरह दूसरे चरण की ग्राम सभाओ में भी ग्राम रोजगार सेवक, सिलाई अध्यापिका व पंचायत चौकीदार के अलावा कोई उपस्थित नहीं हुआ। जिला परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों की लगातार हड़ताल के कारण विभाग व लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही जा रही है। जिला में अधिकतर जिला परिषद कैडर के पंचायत के सचिव हड़ताल पर होने के कारण पंचायत की ग्राम सभाओं के आयोजन पर संकट आ गया है। पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम सभाओं के आयोजन के लिए ग्राम रोजगार सेवक, सिलाई अध्यापिकाओं व पंचायत चौकीदार को कार्यभार दिया गया है। विभाग के इस निर्णय का चारों तरफ काफी विरोध हुआ। इसके बावजूद ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया, लेकिन ग्राम सभा आयोजन के पूरे न होने के कारण विभाग के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई है।

पंचायती राज विभाग द्वारा हर पंचायत में प्रति वर्ष चार ग्राम सभाएं आयोजित की जाती है। ये ग्राम सभाएं जनवरी, मार्च, जुलाई व अक्टूबर में होती है। जुलाई माह में विभिन्न  चरणों में ग्राम सभाएं रखी गई है, लेकिन ग्राम सभाएं पूर्ण न हो पाने के कारण पंचायतों के विकास की रूप रेखा तैयार नहीं हो पा रही है। इसके अलावा ग्राम सभा में आम लोगों से जुड़े अनेकों काम किए जाते हैं। ग्राम सभा में पंचायत द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा, आय-व्यय व योजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया जाता है। वहीं जिला परिषद कर्मचारी व अधिकारी महासंघ का कहना है कि जब तक उनका विभाग में विलय नहीं किया जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

 


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Content Writer

Kaku Chauhan

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