मणिमहेश यात्रा से लौटे भद्रवाह के जत्थे ने किया असुविधाओं का खुलासा, पढ़ें क्या

Tuesday, Sep 18, 2018 - 02:47 PM (IST)

चम्बा : मणिमहेश यात्रा से वापस लौटे पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह क्षेत्र के श्रद्धालु जत्थे ने इस बार प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन व न्यास भरमौर के इंतजामों की पोल खोल कर रख दी है। जत्थे में शामिल करीब 350 श्रद्धालुओं ने एक स्वर में कहा कि हर पड़ाव पर असुविधाओं का बोल-बाला रहा। यहां तक जत्थे ने मणिमहेश न्यास पर उन्हें छड़ी स्थापित करने के लिए मिले स्थल को हड़पने तक का मणिमहेश न्यास पर आरोप लगाया है।

मणिमहेश यात्रा भद्रवाह जत्थे के महंत पन्ना लाल व मधु लाल पुजारी ने सरकार, जिला प्रशासन व मणिमहेश न्यास भरमौर पर उन्हें रियासत काल में मिले पवित्र डल झील समीप 2 कनाल स्थल से आज जत्थे श्रद्धालुओं को वंचित किया जा रहा है जबकि डल समीप मिले स्थल पर उनका जत्था सदियों से जन्माष्टमी से राधाष्टमी पर्व तक यात्रा के दौरान वहां शिव त्रिशूल स्थापित करते रहे हैं। मगर सरकार के उचित मार्गदर्शन और जिला प्रशासन व मणिमहेश न्यास सदस्यों ने इस बात को ध्यान में न रख स्थल लंगर से लेकर अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों अथवा टैंट के लिए प्रदान कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उनका जत्था निश्चित स्थल पर अपनी प्राचीन संस्कृति को कायम नहीं कर पाया अपितु अन्य स्थल पर दुर्र्भाग्यपूर्ण उस परंपरा को निर्वाह करना पड़ा।

हर पड़ाव पर मुश्किलें
मणिमहेश यात्रा भद्रवाह जत्थे में आए श्रद्धालु रोशन लाल, प्रेम राज, वंशीलाल, फकीर चंद, शक्ति देवी, अमर सिंह, सुरेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार, अजय, संतोष, कविता, सुषमा, पुष्पा, राजू, दीपक कुमार, अशोक कुमार व मनजीत कुमार ने बताया कि जिला चंबा सीमा में दाखिल होते ही उन्हें सुरक्षा सुविधा को छोड़ अन्य हर सुविधा में कदम-कदम पर अभाव महसूस हुआ। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से चम्बा-भद्रवाह सीमा तक हर सुविधा मुहैया करवाई गई लेकिन यहां रात को उन्हें बिना टैंट के खुले में बतानी पड़ी। हड़सर में पूरे जत्थे को तेज बारिश में अपने इंतजामों के सहारे रात काटनी पड़ी। शौचालय के नाम पर तो पूरे पड़ाव में केवल नाममात्र व्यवस्था इस बार नजर आई। 
 

kirti